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गुजरात सरकार की होर्डिंग्स: कुरान का हवाला देकर कहा-बीफ खाना हेल्थ के लिए खराब

अहमदाबाद. गुजरात सरकार के एक बोर्ड ने दावा किया है कि कुरान में बीफ खाने पर मनाही है। बिलबोर्ड्स में गौसेवा और गौचर विकास बोर्ड की ओर मैसेज दिया गया है कि कुरान भी गाय को बचाए रखने की बात कहता है। बिलबोर्ड्स बापूनगर में देखे गए हैं। अहमदाबाद में चीफ मिनिस्टर आनंदीबेन और इस्लामिक सिंबल (चांद और सितारे) को लेकर बिलबोर्ड्स लगाए गए हैं। जनमाष्टमी के मौके पर इन बिलबोर्ड्स के जरिए मुस्लिमों को शुभकामनाएं भी दी गई हैं। हालांकि, ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के मुताबिक, कुरान में बीफ खाने को लेकर कुछ नहीं कहा गया है।
क्या है मैसेज?
बिलबोर्ड पर लिखा है, 'अकरामुल बकरा फिनाह सैयदुल बाहिमा'। इसका मतलब बताया गया है कि 'पशुओं में गाय सबसे जरूरी है, इसलिए इसका सम्मान किया जाना चाहिए। इसका दूध, घी और मक्खन दवाई के काम आता है। जबकि इसका मीट कई बीमारियों का कारण बनता है।'
क्या कहना है मुस्लिम स्कॉलर्स का?
* ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के मेंबर मुफ्ती अहमद देवलावी ने इस प्रकार के किसी दावे को नकारा है। उन्होंने कहा कि कुरान में बीफ को लेकर इस प्रकार की कोई बात नहीं की गई है। उन्होंने कहा, ''पवित्र कुरान में इस प्रकार का मैसेज कहीं भी नहीं लिखा है। यह संभव है कि किसी अरबी स्टेटमेंट को गलती से कुरान से जोड़ा जा रहा है। मुस्लिमों को भ्रमित करने के लिए ऐसा किया जा रहा है।''
* धार्मिक गुरु गुलाम मोहम्मद कोया ने भी कुरान में इस प्रकार के किसी भी मैसेज होने की बात से इनकार किया है।
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