जानकारी है कि गुजरात
में राजनीतिक रूप से मजबूत हार्दिक पटेल समुदाय को आरक्षण दिलाने की मांग
को लेकर आंदोलन चला रहे पाटीदार अनामत आंदोलन समिति के संयोजक हार्दिक पटेल
व उनके करीब 35 समर्थकों को शनिवार देर रात जमानत दे दी गई। बताते चलें कि
हार्दिक और उनके समर्थकों को सूरत के सर्किट हाउस में मजिस्ट्रेट के
सामने पेश किया गया। यहां से उन्हें जमानत दे दी गई।
ऐसी है जानकारी गौरतलब है कि सूरत में शनिवार सुबह हार्दिक पटेल व उनके समर्थकों को बिना किसी प्रशासनिक मंजूरी के एकता यात्रा निकालने के आरोप में पुलिस ने मानगढ़ चौक के पास से हिरासत मे ले लिया। इसके विरोध में सूरत, अहमदाबाद और महेसाणा के कुछ स्थानों पर जबरदस्त प्रदर्शन हुआ। वहीं, दूसरी ओर सूरत के मांडवी में एक समारोह को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री आनंदीबेन पटेल ने ये बताया कि कोई भी हो, उसे कानून को हाथ में लेने की इजाजत नहीं दी जाएगी। ऐसा किसी ने किया तो उससे सख्ती से निपटा जाएगा।
बोलीं आनंदीबेन पटेल
इसके आगे उन्होंने और कहा कि राज्य की शांति को भंग करने के प्रयासों को किसी भी कीमत पर सहन नहीं किया जा सकता। इसके बाद गांधीनगर में उन्होंने अपने आवास पर एक समीक्षा बैठक भी बुलाई। बैठक में उन्होंने सभी से शांति बनाए रखने की अपील की। इस बैठक में मंत्री नीतिन पटेल, सौरभ पटेल और मुख्य सचिव व गृह सचिव और पुलिस महानिदेशक भी मौजूद रहे।
धारा 188 के तहत दर्ज किया मामला
बता दें कि सूरत पुलिस ने हार्दिक व उनके साथियों के खिलाफ सरकारी आदेश को भंग करने के आरोप में धारा 188 के तहत मामला भी दर्ज कर लिया है। इस बीच तनाव के मद्देनजर सोशल मीडिया पर अफवाहों पर रोक के लिए सूरत, अहमदाबाद और राजकोट में मोबाइल, इंटरनेट सेवाओं तक पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। इस प्रतिबंध को लेकर बताया गया है कि सूरत व अहमदाबाद में फिलहाल 24 घंटे के लिए, वहीं राजकोट में सात दिन के लिए यह बैन लगाया गया है।
बाद में समर्थकों को भी घेरा
सुबह हार्दिक की गिरफ्तारी के कुछ ही समय बाद इसके विरोध में सूरत शहर के हीराबाग विस्तार से एक अन्य एकता यात्रा निकाल रहे पास के सह संयोजक निखिल सवाणी और उनके कुछ समर्थकों को भी बाद में हिरासत में ले लिया गया। हिरासत में लिए गए इन सभी नेताओं व कार्यकर्ताओं को सूरत के पुलिस मुख्यालय में रखा गया है। यहां आसपास सुरक्षा के व्यापक बंदोबस्त किए गए हैं।
हार्दिक ने की शांति बनाए रखने की अपील
बताते चलें कि हार्दिक को हिरासत में लेने के मद्देनजर दांडी के आसपास के 90 गांवों के ग्रामीणों के साथ उनके खिलाफ निकलने वाली ओबीसी एकता मंच समर्थित प्रतिकार यात्रा नहीं निकाली गई। उल्ल्ोखनीय है कि दोनों यात्राओं को प्रशासनिक मंजूरी नहीं थी। वहीं, अपने नेताओं को हिरासत में लिए जाने के विरोध में राज्य भर में रास्ता रोको का आयोजन करने को कहा गया। इस दौरान हार्दिक ने भी लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की।
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