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शिक्षामित्रों का आंदोलन जारी, प्राथमिक स्कूलों में पढ़ाई ठप

इलाहाबाद उच्च न्यायालय के एक लाख 74 हजार शिक्षामित्रों को सहायक अध्यापक के रुप में समायोजित किये जाने सम्बन्धी आदेश को रद्द करने के खिलाफ शिक्षामित्रों का आन्दोलन आज भी जारी रहा। न्यायालय ने 12 सितम्बर को उत्तर प्रदेश सरकार के शिक्षामित्रों को सहायक अध्यापक के रुप में समायोजित करने सम्बन्धी आदेश को निरस्त कर दिया था।
न्यायालय के आदेश के बाद शिक्षामित्रों में उबाल है। कुशीनगर में आज फिल्म शोले के अंदाज में महिला शिक्षामित्र पानी की टंकी पर चढ गयी। उसने आत्महत्या की धमकी दी। बमुश्किल उसे समझा-बुझाकर टंकी से उतारा गया। लखनऊ की जीपीओ पार्क पर गांधी प्रतिमा के सामने शिक्षामित्रों ने धरना दिया।
इस बीच, राज्यपाल राम नाईक ने शिक्षामित्रों से संयम बरतने की अपील करते हुए कोई गलत कदम नहीं उठाने का सुझाव दिया। श्री नाईक ने कहा कि केन्द्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी और मुख्यमंत्री अखिलेश यादव रास्ता निकालने में लगे हैं, हो सकता है कि कोई रास्ता निकल आये। उन्होंने कहा कि वैसे भी सरकार के पास उच्चतम न्यायालय में जाने का विकल्प खुला है। संवैधानिक व्यवस्था में कोई न/न कोई रास्ता निकल ही आयेगा।
नगर विकास और अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री मोहम्मद आजम खां ने आज वाराणसी में कहा कि शिक्षामित्रों के हक की लडाई सरकार उच्चतम न्यायालय तक लडेगी। बेरोजगारी दूर करने के लिए शिक्षामित्रों को नौकरी दी गयी थी, लेकिन नियमों में कुछ खामियां रह जाने की वजह से उनकी नौकरी चली गयी। शिक्षामित्र हताश न हों, उन्हें नयाय मिलने तक सरकार उनके हक की लडाई लडेगी।


उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ और सरकार पर रास्ता निकालने के लिए दबाव बनाने की खातिर शिक्षामित्रों ने कल विधानभवन के घेराव की घोषणा कर रखी है।
राज्य के लोक निर्माण विभाग मंत्री शिवपाल सिंह यादव ने शिक्षामित्रों को भरोसा दिलाया है कि सरकार उनके साथ है। सरकार शिक्षामित्रों के हित में रास्ता निकालने के लिए प्रयासरत है। उन्होंने शिक्षामित्रों से हताश या निराश नहीं होने की अपील करते हुए कहा कि उन्हें धैर्य  रखना चाहिए। शिक्षामित्र अपने जान माल का नुकसान नहीं करें।
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