
बैठक में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और भाजपा प्रमुख अमित शाह की भागीदारी भी होगी। इसमें भाजपा के कई वरिष्ठ नेताओं सहित कुछ केन्द्रीय मंत्रियों के भी शिरकत करने की संभावना है। बैठक में आगामी बिहार विधानसभा चुनाव, गुजरात में आरक्षण आंदोलन, धार्मिक जनगणना के आंकड़े, वन रैंक वन पेंशन समेत कई मुद्दों पर चर्चा होगी। इस बैठक में संघ की तरफ से मोहन भागवत, भैया जी जोशी, दत्रात्रेय होसबोले, कृष्ण गोपाल, बीजेपी की तरफ से अमित शाह, राम माधव, सौदा सिंह, वी सतीश, वीएचपी की तरफ से प्रवीण तोगडि़या, सुरेंद्र जैन, केंद्रीय मंत्रियों में (जरूरत के अनुसार) राजनाथ सिंह, अरुण जेटली, जेपी नड्डा, राधा मोहन सिंह, नितिन गडकरी, वैंकेया नायडू, रविशंकर प्रसाद तथा आरएसएस से जुड़े 14 अन्य संगठनों के प्रमुख नेता शामिल होंगे।इस बैठक में भाजपा सहित संघ के संगठनों के बीच समन्वय बनाने पर विचार विमर्श होगा। आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत इस विचार मंथन के दौरान मौजूद रहेंगे। चर्चा के दौरान जनगणना के आंकड़ों और एक रैंक एक पेंशन जैसे मुद्दों पर चर्चा हो सकती है। इसी के साथ हिन्दुत्वादी संगठनों की पहुंच के मुद्दे पर भी चर्चा हो सकती है। यह बैठक इसलिए महत्वपूर्ण मानी जा रही है क्योंकि यह सरकार एवं सत्तारूढ़ भाजपा तथा विपक्ष के बीच विवादास्पद भूमि विधेयक एवं बिहार चुनाव को लेकर तीखे टकराव की पृष्ठभूमि में हो रही है।
आरएसएस की समन्वय बैठक ऐसे समय में हो रही है जब विवादित भूमि विधेयक पर भाजपा और विपक्षी दल आमने सामने आ गए हैं और बिहार में विधानसभा चुनाव होने जा रहा है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की समन्वय बैठक में 93 मुख्य पदाधिकारी और 15 आनुषंगी संगठन ‘विचारों एवं नोट्स का आदान प्रदान करेंगे जो समसामयिक विषयों पर हो सकते हैं। बैठक के दौरान सरसंघचालक मोहन भागवत, सरकार्यवाह भैय्याजी जोशी, सहसरकार्यवाह कृष्ण गोपाल समेत संघ के वरिष्ठ पदाधिकारी देश और विदेश में अपने अपने प्रवासों के दौरान हुए अनुभवों को साझा करेंगे। इसमें भाजपा के शीर्ष नेता भी विचार रखेंगे। इस बार बैठक में शामिल होने वालों की संख्या लगभग दोगुनी है। ऐसी बैठक हर साल सितंबर और जनवरी में होती है।
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