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पीएम के दौरे से पहले अमेरिका से 'बड़े' रक्षा सौदे को मंजूरी!

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अमेरिका यात्रा से पहले सुरक्षा संबंधी कैबिनेट समिति (सीसीएस) ने अमेरिकी विमानन कंपनी बोइंग से 22 अपाशे अटैक हेलीकॉप्टरों और 15 शिनूक हेवी लिफ्ट हेलीकॉप्टरों की खरीदारी के सौदे को मंजूरी दे दी है.
जून में होना था यह सौदा
सरकारी सूत्रों ने बताया, ‘अपाशे और शिनूक (हेलीकॉप्टरों) को मंजूरी दी गई.’ रक्षा क्षेत्र से जुड़े लोगों को उम्मीद थी कि 2013 में इस सौदे पर बातचीत कर अंतिम रूप दिए जाने के बाद ढाई अरब डालर से ज्यादा मूल्य के इस सौदे पर इस साल जून में अमेरिकी रक्षा मंत्री एश्टन कार्टर की यात्रा के दौरान दस्तखत किए जाएंगे. अपाशे का यह सौदा ‘हाइब्रिड’ है और इसमें हेलीकॉप्टर के लिए एक करार पर बोइंग के साथ दस्खत किए जाएंगे जबकि उसके हथियारों, रडार और इलेक्ट्रॉनिक युद्ध उपकरणों के लिए अमेरिका सरकार के साथ दस्तखत किए जाएंगे.
भारतीय रक्षा बाजार में अमेरिका बनाना चाहता है जगह
अमेरिका इसके करार पर जोर दे रहा था क्योंकि यह भारत के बढ़ते रक्षा बाजार का फायदा अमेरिका उठाना चाहता है. पिछले एक दशक के दौरान अमेरिकी कंपनियों ने तकरीबन 10 अरब डालर मूल्य के रक्षा करार हासिल किए हैं. इनमें पी-81 नौवहन टोही विमान, सी-130जे ‘सुपर हरक्यूलियस’ और सी-17 ग्लोबमास्टर-3 जैसे विमानों के करार शामिल हैं. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी संयुक्त राष्ट्र महासभा के वार्षिक शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने कल अमेरिका रवाना होंगे. हेलीकॉप्टर सौदा अमेरिकी पक्ष की तरफ से 10 मूल्य समीक्षाओं से गुजरा है.
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अपाशे और शिनूक हेलीकॉप्टरों की होगी खरीददारी
करार में 11 और अपाशे के साथ-साथ चार अतिरिक्त शिनूक हेलीकॉप्टरों की खरीददारी के लिए ‘फॉलो-ऑन ऑर्डर’ पेश करने की गुंजाइश देने के लिए अनुच्छेद होंगे. अपाशे और शिनूक दोनों ही प्लेटफॉर्म का उपयोग अफगानिस्तान और इराक में युद्धक अभियानों में किया गया है. रूस ने अपना एमआई-28एन नाईट हंटर और एमआई-26 हेवी-लिफ्ट हेलीकॉप्टर की पेशकश की थी लेकिन अमेरिकी हेलीकॉप्टरों ने उन्हें चित कर दिया.
आधुनिकता से लैस है अपाशे एएच 64डी लॉंगबो हेलीकॉप्टर
अमेरिका की तरफ से मिलने वाला अपाशे एएच 64डी लॉंगबो हेलीकॉप्टर सर्वाधिक आधुनिक मल्टी-रोल युद्धक हेलीकॉप्टर है. इसमें हर मौसम में रात में युद्धक अभियान संचालित करने की विशिष्टता है. यह एक मिनट से कम समय में 128 लक्ष्यों को पहचान सकता है और 16 लक्ष्यों पर निशाना साध सकता और बचाव कर सकता है. इसके अतिरिक्त, इसमें दुश्मन के रडार से बच कर निकल जाने की क्षमता है. इसके सेंसर आधुनिक हैं और इसकी मिसाइलें दृश्य प्रकाश क्षेत्र से आगे की रोशनी में काम करती हैं. भारत हेलफायर मिसाइलें और राकेट भी हासिल करने वाला है.
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