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विश्व हिन्दी सम्मेलन में बोले पीएम मोदी, चाय बेचते-बेचते सीखी हिन्‍दी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को विश्व हिन्दी सम्मेलन का शुभारंभ किया। यह सम्मेलन तीन दिन तक चलेगा। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि मैंने चाय बेचते-बेचते हिन्दी सीखी है। मोदी ने कहा कि पहले लोगों को कई नंबर याद रहते थे, पर अब अपना खुद का भी नंबर याद नहीं रहता।
पीएम ने कहा कि हमारी भाषा की भक्ति एक्सक्लूसिव नहीं, इनक्लूसिव होनी चाहिए, क्यूंकि भाषा अपने आप में बहुत बड़ा बाजार है। मोदी ने कहा कि डिजिटल वर्ल्ड में हिन्दी, चीनी और अंग्रेजी भाषाओं का दबदबा रहेगा। आने वाले समय में डिजिटल वर्ल्ड का महत्व होगा। टेक्नोलॉजी से जुड़े लोग सोचें कि कैसे हिन्दी को डिजिटल वर्ल्ड से जोड़ें। दुनिया हमारी बात स्वीकारने को तैयार।
मोदी ने कहा कि भाषा को दायरे में समेटकर नहीं रखना चाहिए। ओबामा ने हिन्दी में कहा, 'सबका साथ, सबका विकास।' रूस के लोग बहुत अच्छी हिन्दी बोलते हैं। पीएम ने कहा कि इसराइल के पीएम को हिब्रू में बधाई दी, तो उन्होंने हिन्दी में जवाब दिया। 21वीं सदी में 90 प्रतिशत भाषाओं के लुप्त होने का संकट। दुनियाभर में 6 हजार भाषाएं।
पीएम ने कहा कि चीन में लोग हिन्दी में बात करते हैं। उज्बेकिस्तान में हिन्दी शब्दकोश बना हुआ है। गुजराती झगड़े में हिन्दी का इस्तेमाल करते हैं। मुंबई में रहने वाले ने यूपी के भैंसवाले से हिन्दी सीखी। उन्होंने कहा कि हिन्दी को दूसरी भाषाओं से तालमेल बढ़ाना होगा। दूर देश में हिन्दी भाषा का प्यार हम महसूस करते हैं।
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