गया/पटना. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार को बोधगया पहुंचे।
 नमो ने बोधि वृक्ष ने नीचे बैठकर ध्यान लगाया, इसी जगह पर बैठकर भगवान 
बुद्ध ने ध्यान लगाया था और उन्हें ज्ञान की प्राप्ती हुई थी। मोदी ने यहां
 बोधिवृक्ष
 के नीचे दीप जलाया और मेडिटेशन सेशन में हिस्सा लिया। इसके बाद उन्होंने 
यहां हो रहे अंतरराष्ट्रीय हिंदू-बौद्ध सम्मेलन को संबोधित किया। मोदी ने 
कहा, ''कुछ कट्टर लोग जबरन अपनी विचारधारा थोपते हैं। इससे अशांति फैलती 
है। हिंदू-बौद्ध समाज टकराव का पक्षधर नहीं है। दोनों शांति के रास्ते पर 
चलने की नसीहत देते हैं। ये दोनों दुनिया में शांति और सद्भाव का दर्शन 
फैलाते हैं।''
मोदी के साथ गृहराज्य मंत्री किरण रिजिजू भी मौजूद रहे। इस बार पीएम को रिसीव करने सीएम नीतीश कुमार नहीं आए।    क्या कहा मोदी ने  बोधगया मानवता की सेवा की भूमि है। यहां आकर बहुत खुशी हो रही है। 
नेहरू और वाजपेयी के बाद यहां आया हूं। शिक्षक दिवस और जन्माष्टमी के दिन 
हुआ यह आयोजन और ज्यादा अहम हो गया है।आज हम भारत के सबसे बड़े टीचर डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्मदिन 
मना रहे हैं। आज कृष्ण जन्माष्टमी भी है। भगवान कृष्ण और गौतम बुद्ध महान 
टीचर थे।
कृष्ण और बुद्ध, दोनों ने सिद्धांतों को अहमियत दी। श्रीकृष्ण ने 
कर्मयोग और समानता सिखाई। बुद्ध ने इसे दुनिया में फैलाया। भगवान कृष्ण और 
गौतम बुद्ध, दोनों ने दुनिया को बहुत कुछ दिया है।
 कुछ कट्टर लोग जबरन अपनी विचारधारा थोपते हैं। इससे अशांति फैलती है।
 हिंदू-बौद्ध समाज टकराव का पक्षधर नहीं है। दोनों शांति के रास्ते पर चलने
 की नसीहत देते हैं। ये दोनों दुनिया में शांति और सद्भाव का दर्शन फैलाते 
हैं।दुनिया आज बुद्ध की ओर देख रही है। पर्यावरण की समस्या को गौतम बुद्ध 
की शिक्षा से दूर नहीं किया जा सकता है। झगड़े मिटाने के लिए बुद्ध का ही 
सहारा है। हिंदू धर्म पर बुद्ध का असर है। बुद्ध धर्म से ऊपर मानवता को 
मानते थे। भारत में सेक्युलर ढांचा डेवलप करने में बुद्ध की भूमिका रही है।
 हम बोधगया को दुनिया में बौद्ध लोगों की आध्यात्मिक राजधानी बनाना चाहते 
हैं।

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