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पूर्व सैनिकों के लिए 'वन रैंक वन पेंशन' का आज ऐलान कर सकती है सरकार

नई दिल्ली: सरकार आज पूर्व सैनिकों के लिए 'वन रैंक वन पेंशन' ऐलान कर सकती है। सूत्रों ने बताया कि आज (शनिवार)  रक्षा मंत्रालय इसकी घोषणा करेगा। इसी को लेकर रक्षा मंत्री मनोहर पार्रिकर ने अपना हैदराबाद दौरा रद्द कर दिया। सूत्रों ने यह भी बताया कि सरकार ने पूर्व सैनिकों की ज्यादातर मांगें मान ली है। सरकार पहली जुलाई 2014 से इसका लाभ देने पर सहमत हुई है। वन रैंक वन पेंशन का बेस ईयर 2013 होगा। पेंशन के एरियर का भुगतान 4 किस्तों में होगा। शहीदों की विधवाओं को एक किश्त में एरियर दिया जाएगा।

* वन रैंक वन पेंशन को लेकर रक्षा मंत्री मनोहर पार्रिकर ने भाजपा अध्यक्ष अमित शाह से मुलाकात की।
* रक्षा मंत्री मनोहर पार्रिकर भाजपा अध्यक्ष अमित शाह से मिलने पहुंचे
* रक्षा मंत्री से मुलाकात के बाद पूर्व सैनिक ने बताया, मोटे तौर पर सरकार ने वन रैंक वन पैंशन मान लिया है। वीआरएस लेने वाले सैनिकों पर सकारात्मक बातचीत हुई। सरकार ड्राफ्ट देखने के बाद प्रतिक्रिया देंगें। पेंशन रिवीजन पर बात होना बाकी है।
* वन रैंक वन पेंशन (ओआरओपी) के मुद्दे पर गतिरोध के बीच आंदोलनरत पूर्व सैन्यकर्मियों ने आज रक्षामंत्री मनोहर पर्रिकर से मुलाकात की और मुद्दे के समाधान के लिए सरकार के प्रस्ताव के तौर तरीकों पर चर्चा की, लेकिन उन्होंने स्पष्ट किया कि वे अपनी महत्वपूर्ण मांगों पर कोई समझौता नहीं करेंगे। ओआरओपी लागू करने की मांग को लेकर यहां जंतर मंतर पर पूर्व सैन्यकर्मियों के आंदोलन को आज 83 दिन हो गए। सशस्त्र बलों के सेवानिवृत्त कर्मियों ने यह स्पष्ट किया कि वे अपनी मांग की इस आधारभूत अवधारणा पर कोई समझौता नहीं करेंगे कि किसी भी वरिष्ठ को कभी भी अपने कनिष्ठ से कम पेंशन नहीं मिलनी चाहिए। पूर्व रक्षाकर्मियों ने यह भी कहा कि ओआरओपी उन पर भी लागू हो जिन्होंने स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ली है और पेंशन ले रहे हैं तथा उन पर भी लागू हो जो विकलांगता पेंशन ले रहे हैं।
उधर पूर्व सेनाकर्मी यह स्पष्ट कर चुके हैं कि कोई भी एकतरफा फैसला स्वीकार्य नहीं होगा। आधिकारिक हलकों में घोषणा की संभावना पर बात हो रही है, जबकि पूर्व सेनाकर्मियों ने उल्लेख किया कि पेंशन की समीक्षा पर कोई समझौता नहीं हुआ है। पूर्व सेनाकर्मियों ने संकेत दिया है कि वे हर दो साल में समीक्षा को स्वीकार कर सकते हैं लेकिन सरकार इस बात पर जोर देती रही है कि यह पांच साल में एक बार होगा। पिछले 82 दिन से आंदोलन कर रहे पूर्व सैन्यकर्मियों ने कहा कि वे पांच साल के अंतराल पर पेंशन की समीक्षा को स्वीकार नहीं करेंगे।
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