मुंबई: पांच साल से कैंसर से लड़ रहे म्यूजिक कंपोजर आदेश श्रीवास्तव की शुक्रवार रात मौत हो गई।
आदेश को मल्टीपल मायेलोमा (प्लाज्मा सेल्स का कैंसर) था। करीब डेढ़ महीने
पहले तीसरी बार कैंसर के लक्षण उभरने के बाद उन्हें कोकिलाबेन अस्पताल में
भर्ती कराया गया था। इस बीमारी की वजह से उनकी माली हालत बेहद खराब हो गई
थी। इतनी कि उन्हें अपनी कई करोड़ रुपए कीमत वाली हमर बेचनी पड़ी। उनकी
पत्नी ने भी एक इंटरव्यू में बताया था कि मौत से पहले एक लाइफ सेविंग
इंजेक्शन लगवाने में 12 लाख रुपए का खर्च आ रहा था। हालांकि, विजयेता के
भाई ललित पंडित ने कुछ दिन पहले कहा था, ''हमने कभी किसी से पैसा नहीं
मांगा है और न ही हमें पैसा चाहिए। हमें लोगों की दुआओं की जरूरत है।''
लोगों ने किया नजरअंदाज, लेकिन अकेले ही लड़े
आदेश को कैंसर होने के बारे में पहली बार 2010 में पता चला था। इसके
बाद, फिल्म इंडस्ट्री ने उनको नजरअंदाज करना शुरू कर दिया। आदेश ने
इंटरव्यू में कहा था, ''बीमार होना बेहद दर्दनाक है, लेकिन जिन लोगों के
साथ मैंने सालों काम किया, उन्होंने जब मुझे नजरअंदाज करना शुरू किया तो
इससे ज्यादा चोट पहुंची। कोई मुझसे मिलने नहीं आया।'' हालांकि, आदेश ने
अकेले ही इस बीमारी से लड़ने का फैसला किया। 2010 में उन्होंने फिल्म
'राजनीति' में म्यूजिक दिया। इस फिल्म के मशहूर गाने 'मोरा पिया मोहसे बोलत
नाही' को उन्होंने आवाज भी दी।
ऐसे बिगड़ी थी हालत
आदेश श्रीवास्तव अमेरिका से इलाज कराकर लौटे थे। करीब डेढ़ महीने पहले अचानक उनके नाक से खून बहने लगा। खून नहीं रुकने पर पत्नी ने उन्हें कोकिलाबेन हॉस्पिटल में एडमिट कराया था। डॉक्टरों की कोशिश कारगर नहीं रही। कीमोथेरेपी ने असर दिखाना बंद कर दिया। इसके बाद कीमोथेरेपी रोक दी गई थी।
आदेश श्रीवास्तव अमेरिका से इलाज कराकर लौटे थे। करीब डेढ़ महीने पहले अचानक उनके नाक से खून बहने लगा। खून नहीं रुकने पर पत्नी ने उन्हें कोकिलाबेन हॉस्पिटल में एडमिट कराया था। डॉक्टरों की कोशिश कारगर नहीं रही। कीमोथेरेपी ने असर दिखाना बंद कर दिया। इसके बाद कीमोथेरेपी रोक दी गई थी।
रामदेव ने की थी मदद
आदेश ने एक इंटरव्यू में कहा था, 'मैं पूरी रात सो नहीं पाता था। ऐसा लगता था कि मानों पैरों में कोई सुइयां चुभो रहा है। दवाइयां तक काम नहीं कर रही थीं। स्टेम सेल ट्रांसप्लांट के दो दिन बाद जब मैं वॉशरूम में गया तो शीशे में खुद को पहचान नहीं पाया। मेरे बाल गिर चुके थे और रंग गहरा हो गया था। मैं डिप्रेशन में चला गया। इसके बाद मेरी तबीयत और बिगड़ गई।'' एक अन्य इंटरव्यू में आदेश ने बताया था कि रामदेव ने उनको योग के जरिए कीमोथेरेपी के दर्दनाक असर से निजात पाने में मदद की थी।
आदेश ने एक इंटरव्यू में कहा था, 'मैं पूरी रात सो नहीं पाता था। ऐसा लगता था कि मानों पैरों में कोई सुइयां चुभो रहा है। दवाइयां तक काम नहीं कर रही थीं। स्टेम सेल ट्रांसप्लांट के दो दिन बाद जब मैं वॉशरूम में गया तो शीशे में खुद को पहचान नहीं पाया। मेरे बाल गिर चुके थे और रंग गहरा हो गया था। मैं डिप्रेशन में चला गया। इसके बाद मेरी तबीयत और बिगड़ गई।'' एक अन्य इंटरव्यू में आदेश ने बताया था कि रामदेव ने उनको योग के जरिए कीमोथेरेपी के दर्दनाक असर से निजात पाने में मदद की थी।
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