....

10 ट्रेड यूनियनों से जुड़े 15 करोड़ कर्मचारी देशव्यापी हड़ताल पर; हिंसक हुआ आंदोलन, कई राज्‍यों में जनजीवन प्रभावित

नई दिल्ली: श्रम कानूनों में संशोधन के प्रस्ताव के खिलाफ 10 ट्रेड यूनियनों के 15 करोड़ सदस्य आज (बुधवार) हड़ताल पर हैं। रिजर्व बैंक, नबार्ड, सिडबी और पोस्टऑफिस के कर्मचारी भी हड़ताल में शामिल है। इस हड़ताल से 25 सरकारी और 11 प्राइवेट बैकों के काम काज पर असर पड़ा है। ट्रेड यूनियनों की हड़ताल के चलते आवश्यक सेवाएं प्रभावित हुई हैं। हालांकि, भाजपा के समर्थन वाली भारतीय मजदूर संघ (बीएमएस) और नेशनल फ्रंट ऑफ इंडियन ट्रेड यूनियंस ने हड़ताल से हट गई हैं।* इस हड़ताल से जहां चेक, ड्राफ्ट आदि समाशोधन का कार्य प्रभावित हुआ है, वहीं बैंकों द्वारा एटीएम मशीनों में नकदी भरकर रखे जाने से एटीएम सामान्य रूप से परिचालन कर रहे हैं। हड़ताल में शामिल हुए निजी बैंकों में फेडरल बैंक, कर्नाटक बैंक, करूर वैश्य बैंक, कोटक महिन्द्रा बैंक, कैथोलिक सीरियन बैंक, धनलक्ष्मी बैंक और रत्नाकर बैंक प्रमुख हैं।
* ऑल इंडिया बैंक एंप्लाईज एसोसिएशन के महासचिव सी.एच. वेंकटचलम ने बताया, सरकार की प्रो-कॉरपोरेट नीतियों के खिलाफ सार्वजनिक क्षेत्र के 23 बैंक, निजी क्षेत्र के 12 बैंक, 52 क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक एवं 13,000 से अधिक सहकारी बैंक आज हड़ताल में शामिल हुए हैं। उन्होंने कहा कि बैंकिंग क्षेत्र में कार्यरत 10 लाख कर्मचारियों में से आधे से अधिक हड़ताल का समर्थन कर रहे हैं। सरकारी बैंकों में एसबीआई और इंडियन ओवरसीज बैंक हड़ताल में शामिल नहीं हैं, जबकि निजी क्षेत्र में एचडीएफसी बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, एक्सिस बैंक और यस बैंक हड़ताल में शामिल नहीं हैं। वेंकटचलम ने कहा कि यस बैंक हड़ताल में इसलिए शामिल नहीं हुआ क्योंकि वहां कोई ट्रेड यूनियन नहीं है।
* केन्द्र की आर्थिक नीतियों के खिलाफ 10 केन्द्रीय ट्रेड यूनियनों द्वारा किए गए राष्ट्रव्यापी हड़ताल के आह्वान से आज बैंकों में सामान्य कामकाज प्रभावित हुआ। हालांकि एसबीआई, इंडियन ओवरसीज बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, एचडीएफसी बैंक और एक्सिस बैंक के कर्मचारी इस आंदोलन से दूर हैं।
* केन्द्रीय ट्रेड यूनियनों के आह्वान पर आज हुई हड़ताल से इस आईटी शहर में एवं कर्नाटक के दूसरे हिस्सों में सामान्य जनजीवन प्रभावित हुआ। हालांकि राज्य सरकार ने बलपूर्वक हड़ताल को लागू करवाने के खिलाफ चेतावनी दी है। राज्य सरकार के परिवहन विभाग के कर्मचारी प्रस्तावित मोटर विधेयक के खिलाफ हड़ताल में शामिल हुए हैं जिससे सड़कों से बस व आटोरिक्शा नदारद है। इससे आफिस जाने वाले लोगों व अन्य लोगों को असुविधा का सामना करना पड़ रहा है। दूसरी जगहों से यात्रा कर यहां आए लोग रेलवे स्टेशन व बस अड्डों पर इधर उधर फंसे हैं। विद्यार्थियों को असुविधा न हो, इसके लिए स्कूलों व कॉलेजों ने आज अवकाश घोषित किया है।
* 10 केंद्रीय ट्रेड यूनियनों द्वारा आहूत राष्ट्रव्यापी हड़ताल के कारण वाममोर्चा शासित त्रिपुरा में आज जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया। अधिकारियों ने बताया कि सड़कों से वाहन नदारद रहे और बाजार भी बंद रहे। इसके अलावा बैंक और अन्य वित्तीय संस्थान, स्कूल और कॉलेज भी बंद रहे। सरकारी कार्यालयों में उपस्थिति बहुत कम दर्ज की गई। ओएनजीसी और त्रिपुरा जूट मिल के मुख्य द्वार बंद रहे। हड़ताल समर्थकों को सड़कों पर धरना देते देखा गया और सीटू के सदस्यों ने रेलवे स्टेशनों पर छोटी रैलियां आयोजित की। हड़ताल के कारण रेल सेवाएं भी बुरी तरह प्रभावित रहीं।
Share on Google Plus

click News India Host

    Blogger Comment
    Facebook Comment

0 comments:

Post a Comment