कांग्रेस सांसदों के निलंबन पर दिग्विजय सिंह बोले, 'अच्छे दिन आ गए'
कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह ने पार्टी के 25 सांसदों के निलंबन के बाद कहा है कि यह फैसला लोकतांत्रिक नेता और तानाशाह के बीच बुनियादी फर्क को बताता हैं. साथ ही उन्होंने कहा कि यूपीए सरकार के दौरान संसद नहीं चलने देने के बावजूद एक भी भाजपा सांसद को सदन से निलंबित नहीं किया गया था.
कांग्रेस के कद्दावर नेता ने एक बार फिर समसायिक मुद्दे पर अपनी राय रखने
के लिए माइक्रो ब्लागिंग साइट ट्विटर का सहारा लिया. दिग्विजय सिंह ने एक के बाद एक कई ट्वीट करते हुए लिखा,
कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह ने पार्टी के 25 सांसदों के निलंबन के बाद कहा है कि यह फैसला लोकतांत्रिक नेता और तानाशाह के बीच बुनियादी फर्क को बताता हैं. साथ ही उन्होंने कहा कि यूपीए सरकार के दौरान संसद नहीं चलने देने के बावजूद एक भी भाजपा सांसद को सदन से निलंबित नहीं किया गया था.

'अटलजी के नेतृत्व में एनडीए सरकार किसी भी सांसद को सस्पेंड नहीं किया
गया था. यूपीए सरकार के कार्यकाल के दौरान भाजपा ने संसद चलने नहीं दी थी.
इसके बावजूद किसी भी भाजपा सांसद को सस्पेंड नहीं किया गया.
एक अन्य ट्वीट में दिग्विजय ने कहा, 'यह लोकतांत्रिक नेता और तानाशाह के बीच का बुनियादी अंतर हैं. अटलजी और मोदी के बीच का बुनियादी फर्क. अच्छे दिन आ गए!
दिग्विजय ने एक अन्य ट्वीट में कहा कि स्पीकर सुमित्रा महाजन द्वारा लिए गए इस फैसले से हैरान हैं क्योंकि वो बीजेपी के सिद्धांतवादी नेताओं में से एक मानी जाती हैं. ऐसे में ताई द्वारा निलंबन का यह निर्णय कहीं किसी दबाव में तो नहीं लिया गया है. जैसा की उन्होंने कहा कि उन्होंने यह कदम सांसदों को सबक सिखाने के लिए लिया है तो पहले वो जरा ईमानदारी का सबक सुषमा स्वराज और घोटाले में फंसे मुख्यमंत्रियों को सिखाएं.
एक अन्य ट्वीट में दिग्विजय ने कहा, 'यह लोकतांत्रिक नेता और तानाशाह के बीच का बुनियादी अंतर हैं. अटलजी और मोदी के बीच का बुनियादी फर्क. अच्छे दिन आ गए!
दिग्विजय ने एक अन्य ट्वीट में कहा कि स्पीकर सुमित्रा महाजन द्वारा लिए गए इस फैसले से हैरान हैं क्योंकि वो बीजेपी के सिद्धांतवादी नेताओं में से एक मानी जाती हैं. ऐसे में ताई द्वारा निलंबन का यह निर्णय कहीं किसी दबाव में तो नहीं लिया गया है. जैसा की उन्होंने कहा कि उन्होंने यह कदम सांसदों को सबक सिखाने के लिए लिया है तो पहले वो जरा ईमानदारी का सबक सुषमा स्वराज और घोटाले में फंसे मुख्यमंत्रियों को सिखाएं.
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