बीसीसीआई ने आज साफ तौर पर कहा कि दिल्ली की अदालत द्वारा आईपीएल 2013
स्पॉट फिक्सिंग के आरोपों से बरी किए जाने के बावजूद वह भारत के पूर्व तेज
गेंदबाज एस श्रीसंत और स्पिनर अंकित चव्हाण पर से आजीवन प्रतिबंध हटाने पर
पुनर्विचार नहीं करेगा।
श्रीसंत, चव्हाण, अजित चंदीला समेत 36 आरोपियों को पिछले सप्ताह पटियाला हाउस अदालत ने आईपीएल छह स्पॉट फिक्सिंग के आरोपों से बरी कर दिया था। भारतीय बोर्ड ने हालांकि उन पर लागू आजीवन प्रतिबंध हटाने से इनकार कर दिया।
श्रीसंत, चव्हाण, अजित चंदीला समेत 36 आरोपियों को पिछले सप्ताह पटियाला हाउस अदालत ने आईपीएल छह स्पॉट फिक्सिंग के आरोपों से बरी कर दिया था। भारतीय बोर्ड ने हालांकि उन पर लागू आजीवन प्रतिबंध हटाने से इनकार कर दिया।
केरल क्रिकेट संघ ने बीसीसीआई से अनुरोध किया है कि श्रीसंत को फिर खेलने
की अनुमति दी जाए। लेकिन बोर्ड सचिव अनुराग ठाकुर ने कहा कि दोनों
क्रिकेटरों पर लगे आजीवन प्रतिबंध पुनर्विचार नहीं किया जाएगा। उन्होंने
पत्रकारों से कहा कि बीसीसीआई की अनुशासन समिति द्वारा लगाया गया प्रतिबंध
जारी रहेगा।
अनुराग ठाकुर ने कहा कि अनुशासनात्मक कार्रवाई अलग होती है और आपराधिक कार्रवाई अलग। उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की गई जो अनुशासनहीनता और भ्रष्टाचार निरोधक इकाई की रिपोर्ट के आधार पर थी। लिहाजा इन पर प्रतिबंध लागू रहेगा।
अनुराग ठाकुर ने कहा कि अनुशासनात्मक कार्रवाई अलग होती है और आपराधिक कार्रवाई अलग। उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की गई जो अनुशासनहीनता और भ्रष्टाचार निरोधक इकाई की रिपोर्ट के आधार पर थी। लिहाजा इन पर प्रतिबंध लागू रहेगा।
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