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दुनिया में हाई ग्रोथ-लो इंफ्लेशन का मॉडल बना भारत - PM मोदी

दुनिया में हाई ग्रोथ-लो इंफ्लेशन का मॉडल बना भारत - PM मोदी 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत की अर्थव्यवस्था की मजबूती और तेजी से बढ़ती विकास दर पर विस्तार से बात की। उन्होंने एक समाचार पत्र के कार्यक्रम के दौरान कहा कि हाल में जारी दूसरी तिमाही के जीडीपी आंकड़ों में दर्ज 8% ग्रोथ देश की नई ऊर्जा और बदलते आर्थिक माहौल का प्रतीक है। पीएम मोदी ने कहा ये सिर्फ आंकड़े नहीं हैं, बल्कि भारत की वैश्विक अर्थव्यवस्था में बढ़ती भूमिका और मजबूत मैक्रोइकॉनॉमिक संकेतों का सबूत हैं। दुनिया आज भारत को ग्लोबल ग्रोथ ड्राइवर के रूप में देख रही है। 



अगले 10 साल में गुलामी की मानसिकता से पूरी तरह मुक्त करना होगा

पीएम मोदी ने देशवासियों से अपील की कि आने वाले 10 वर्षों में भारत को गुलामी की मानसिकता से पूरी तरह मुक्त करना होगा। उन्होंने कहा कि आज देश का हर क्षेत्र उपनिवेशवादी सोच से बाहर निकलकर नए आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ रहा है। पीएम ने कहा कि मैकॉले की नीति, जिसने भारत में मानसिक गुलामी की बीज बोए, वह वर्ष 2035 में 200 साल पूरी कर लेगी। उन्होंने कहा इसका मतलब है कि हमारे पास सिर्फ 10 साल हैं। हमें मिलकर इस मानसिक गुलामी को जड़ से खत्म करना होगा। 


हिंदू रेट ऑफ ग्रोथ कहकर हमारी संस्कृति को बदनाम किया गया

पीएम मोदी ने अपने संबोधन में पुराने आर्थिक विमर्श पर कटाक्ष करते हुए कहा कि एक समय जब भारत 2–3% की ग्रोथ के लिए संघर्ष कर रहा था, तब इसे ‘हिंदू रेट ऑफ ग्रोथ’ कहा गया। और आज वही लोग हर चीज़ में साम्प्रदायिकता ढूंढते हैं, लेकिन इस शब्द में उन्हें कोई समस्या नहीं दिखी। उन्होंने कहा कि इस शब्द को किताबों, शोधपत्रों और नीतिगत विमर्श का हिस्सा बना दिया गया, जो उपनिवेशवादी सोच का प्रतीक था।


भारत बना हाई ग्रोथ–लो इंफ्लेशन मॉडल

पीएम मोदी ने अपने संबोधन में वैश्विक परिदृश्य का उल्लेख करते हुए बताया कि जब पूरी दुनिया की ग्रोथ रेट लगभग 3% है और जी-7 देशों की औसत ग्रोथ करीब 1.5%, ऐसे माहौल में भारत लगातार मजबूत प्रदर्शन कर रहा है। उन्होंने कहा कभी हमारे देश में महंगाई चिंता का विषय हुआ करती थी, लेकिन आज अर्थशास्त्री भारत की ‘लो इंफ्लेशन’ नीति की चर्चा करते हैं। यह बदलाव सिर्फ आंकड़ों का नहीं, बल्कि भारत की क्षमता और समस्याओं को हल करने की शक्ति का प्रतीक है। प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि यह परिवर्तन नई उम्मीदों, नए आत्मविश्वास और नए भारत के उभरते हुए स्वरूप को दर्शाता है। 


अपने संबोधन में पीएम मोदी ने भारत की अनछुई क्षमता का उल्लेख करते हुए कहा कि लंबे समय तक देश की एक बड़ी क्षमता का उपयोग नहीं किया जा सका। उन्होंने कहा जब इस अनछुई क्षमता को अवसर मिलते हैं और बिना बाधा के यह देश के विकास में भाग लेती है, तब परिवर्तन अवश्यंभावी हो जाता है। आज भारत इसी दृष्टि के साथ आगे बढ़ रहा है।


पूर्वी भारत में रिकॉर्ड निवेश

पीएम मोदी ने बताया कि आज पूर्वी भारत में अभूतपूर्व पैमाने पर आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर, कनेक्टिविटी और उद्योगों में निवेश हो रहा है। उन्होंने कहा कि गांवों और छोटे कस्बों को भी आधुनिक सुविधाओं से लैस किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि आज हमारे छोटे शहर स्टार्टअप्स और MSMEs के नए हब बन रहे हैं। देश का हर क्षेत्र अपनी पूरी क्षमता के साथ विकास यात्रा में शामिल हो रहा है।


बिना गारंटी के 37 लाख करोड़ रुपये के मुद्रा लोन दिए

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा हमने जन विश्वास अधिनियम लाकर सैकड़ों प्रावधानों को डिक्रिमिनलाइज किया है। पहले हालात ऐसे थे कि अगर कोई सिर्फ हजार रुपये का बैंक लोन भी लेना चाहता था, तो बैंक उससे गारंटी मांगते थे, क्योंकि भरोसे की बहुत कमी थी। हमने इस अविश्वास के चक्र को मुद्रा योजना के जरिए तोड़ा। आज देश में लोगों को बिना गारंटी के 37 लाख करोड़ रुपये के मुद्रा लोन दिए जा चुके हैं।


सुधारों से देश की सोच और गति में बड़ा बदलाव

प्रधानमंत्री मोदी ने आगे कहा पहले देश में सुधार तब होते थे, जब कोई राजनीतिक मजबूरी होती थी या कोई संकट आ जाता था। लेकिन आज सुधार देश के बड़े लक्ष्यों को ध्यान में रखकर किए जाते हैं। आज हर सेक्टर में सुधार दिख रहा है। हमारी गति भी स्थिर है, दिशा भी स्पष्ट है और हमारी नीयत नेशन फर्स्ट है। साल 2025 सुधारों का बड़ा साल रहा है। नेक्स्ट-जनरेशन जीएसटी सबसे बड़ा सुधार रहा, जिसका फायदा पूरे देश ने महसूस किया।  

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