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मप्र विधानसभा: एक माह में तीसरी बार फिर जुटेंगे मंत्री,विधायक

 मप्र विधानसभा: एक माह में तीसरी बार फिर जुटेंगे मंत्री,विधायक

भोपाल। मध्य प्रदेश विधानसभा में मंत्री व विधायक एक बार फिर जुटेंगे। यह तीसरा मौका है जब महज एक माह यानी दिसंबर में विधानसभा सचिवालय ने सदन के सभी सदस्यों को बुलाया है। 



दिसंबर में तीसरी बार बुलाया गया

विधानसभा का पावस सत्र 1से 5 दिसंबर तक आयोजित हुआ। इसके बाद,विधानसभा की 70 वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में गत 17 दिसंबर को एक दिवसीय विशेष सत्र बुलाया गया और अब 23 दिसंबर को विशेष ट्रेनिंग प्रोग्राम है। इसमें सदन के सभी सदस्यों को अनिवार्य रूप से मौजूद रहने के लिए कहा गया है। 


70वें साल में पूरी तरह डिजीटल हुई विधानसभा

दरअसल,मध्य प्रदेश विधानसभा अपने 70वें साल में अब पूरी डिजीटल स्वरूप में तैयार है। नए साल का बजट भी 360 डिग्री तक घूम सकने वाले ई—टैबलेट पर ही पढ़ा जा सकेगा। ​इस नई व्यवस्था में विधायकों,मंत्रियों को पारंगत करने 23 दिसंबर को एक दिन का विशेष ट्रेनिंग प्रोग्राम रखा गया है।


ई—विधान वाला 15 वां राज्य बना मप्र

मध्य प्रदेश देश का 15वां राज्य है,जहां विधानसभा अब पूरी तरह डिजिटल होगी। इसे नेशनल ई-विधान परियोजना के तहत करीब साढ़े तीन सौ करोड़ के बजट से तैयार किया गया है। जहां सेमसंग कंपनी के आधुनिक तकनीक वाले टैबलेट विधायकों को उनकी मेज पर मिलेंगे।

 

360 डिग्री घूम सकेगा टैबलेट

विधायकों के लिए सदन में टैबलेट एक विशेष किस्म के रोज गोल्ड कलर स्टैंड पर फिट रहेगा। स्टैंड की खूबी यह कि टैबलेट को विधायक अपनी सुविधा के मुताबिक,360 डिग्री तक घुमा सकेंगे। करीब एक फीट लंबाई वाले टैबलेट का कवर भी रोज गोल्ड कलर में रखा गया है।  


पूरी तरह पेपरलेस होगी विधानसभा

नए साल में मध्य प्रदेश विधानसभा पूरी तरह से डिजिटल और पेपरलेस होगी। विधानसभा के बजट सत्र में डिजिटल व्यवस्था देखने को मिलेगी। विधायकों को टैबलेट दिए जाएंगे, उनके प्रश्नों के उत्तर भी डिजिटल ही प्राप्त होंगे। मप्र का बजट उप मुख्यमंत्री व वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा टैबलेट पर ही पढ़ेंगे। कार्यवाही को लाइव दिखाने बड़ी स्क्रीन भी सदन के गर्भगृह में होगी।


मंत्री,विधायकों के लिए ट्रेनिंग 23 को

विधानसभा की नई डिजिटल व्यवस्था में सदस्यों को पारंगत करने विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम 23 दिसंबर को मानसरोवर सभागार में होगा। इसमें सभी मंत्रियों व विधायकों को अनिवार्य रूप से शामिल होने के लिए कहा गया है। 


अधिकारी,कर्मचारियों की भी होगी ट्रेनिंग

प्रशिक्षण कार्यक्रम के दूसरे सत्र में सभी विभागीय मुख्यालयों के 5—5 अधिकारी,कर्मचारियों को भी बुलाया गया है। ये वे अधिकारी,कर्मचारी होंगे,जो सदन में पूछे जाने वाले सवालों के जवाब तैयार करने में अहम भूमिका अदा करते हैं। 


निक्सी को सौंपा गया है काम

नेशनल ई-विधान परियोजना (नेवा) भारत सरकार की एक ई-गवर्नेस पहल है, जिसका लक्ष्य देश की सभी विधानसभाओं को पूरी तरह से डिजिटल और पेपरलेस बनाना है। मप्र विधानसभा को इसके लिए करीब 350 करोड़ रुपए का बजट आवंटित किया गया। 


विधानसभा को ​डिजिटल स्वरूप देने का काम एनआईसी की एक सरकारी कंपनी निक्सी को दिया गया है। विधानसभा के प्रमुख सचिव अरविंद शर्मा ने बताया कि विधानसभा को ई—स्वरूप देने का काम तेज गति से किया जा रहा है। नए साल के बजट सत्र से इसकी शुरुआत होने के आसार हैं।

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