भाजपा-शिवसेना साथ लड़ेगी नगर निगम चुनाव
महाराष्ट्र में नगर परिषद और नगर पंचायत चुनावों के दौरान एक महीने से अधिक समय तक चले संघर्ष के बाद बीजेपी (BJP) और एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना ने आखिरकार मतभेद भुलाकर एक साथ चुनाव लड़ने का फैसला किया है। आगामी नगर निगम चुनाव, जिसमें हाई-प्रोफाइल बृहन्मुंबई नगर निगम (BMC) और ठाणे नगर निगम के चुनाव भी शामिल हैं, अब महायुति (Mahayuti) गठबंधन मिलकर लड़ेगा।
मिली जानकारी के मुताबिक, सोमवार देर रात मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के बीच बंद कमरे में डेढ़ घंटे तक बैठक चली। शिवसेना सूत्रों ने बताया कि दोनों नेताओं में चर्चा सकारात्मक रही। दोनों दल मुंबई और ठाणे सहित पूरे महाराष्ट्र में होने वाले नगर निगम चुनाव महायुति के रूप में साथ लड़ने पर सहमत हुए हैं। फडणवीस और शिंदे के अलावा बैठक में मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष रविंद्र चव्हाण भी मौजूद थे।
हालांकि, सीट-शेयरिंग, वार्ड-स्तर के समन्वय और प्रचार अभियान को अंतिम रूप देने के लिए स्थानीय स्तर की चर्चाएं अगले दो से तीन दिनों में शुरू होने की उम्मीद है।
दल-बदल पर भी लगाम
बैठक में एक महत्वपूर्ण संगठनात्मक निर्णय भी लिया गया। गठबंधन में आंतरिक विवाद को रोकने के लिए यह तय किया गया है कि भाजपा और शिवसेना के पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं को एक-दूसरे की पार्टी में दल-बदल करने की अनुमति नहीं दी जाएगी।
यह कदम हाल ही में हुए नगर परिषद और नगर पंचायत चुनावों के दौरान सामने आए आंतरिक टकराव और एक-दूसरे पर सेंधमारी के आरोपों को रोकने के उद्देश्य से उठाया गया है।
ग्राउंड लेवल पर दिखी फूट
हाल के स्थानीय निकाय चुनावों में साफ दिखाई दिया कि सत्तारूढ़ गठबंधन के भीतर मनमुटाव कितना गहरा है। कई नगर परिषदों और नगर पंचायतों में बीजेपी और शिवसेना शिंदे गुट के उम्मीदवारों में सीधी टक्कर हुई। पूरे चुनाव अभियान में आरोपों की गूंज और कार्यकर्ताओं के बीच हुई झड़पों ने भाजपा-शिवसेना के संबंधों को तनावपूर्ण कर दिया था। जिससे मतदाताओं में भी महायुति की एकता को लेकर भ्रम पैदा हो गया था।
हालांकि शीर्ष नेताओं ने इसे ‘दोस्ताना मुकाबला’ बताया था और कहा था कि ये स्थानीय चुनाव लोकल कार्यकर्ताओं के होते हैं, इसलिए इससे महायुति की एकता पर कोई फर्क नहीं पड़ता।

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