तृणमूल नेता की हरकत के बाद गुस्से में चुनाव आयोग
चुनाव आयोग इस समय तेजी से SIR के काम में लगा हुआ है। इस दौरान पश्चिम बंगाल में ड्राफ्ट वोटर लिस्ट के बारे में दावों और आपत्तियों पर सुनवाई(SSR) चल रही है। सुनवाई के दौरान तृणमूल विधायक के द्वारा की गई हरकत पार्टी को महंगी पड़ती दिख रही है।
विधायक के द्वारा जबरदस्ती ड्राफ्ट पर चल रही सुनवाई में बाधा डाली गई, जिसके बाद चुनाव आयोग ने आदेश दिया कि ड्राफ्ट पर चल रही सुनवाई में किसी भी BLA को शामिल होने की अनुमति नहीं दी जाएगी।
बता दें कि चुनाव आयोग का यह आदेश तृणमूल विधायक के बंगाल जिले में सुनवाई की प्रक्रिया को रोकने के बाद आया था।
चुनाव आयोग का आदेश
भारतीय चुनाव आयोग (ECI) ने सोमवार को एक आदेश जारी किया है। इसमें आयोग ने यह साफ कर दिया है कि पश्चिम बंगाल में ड्राफ्ट वोटर लिस्ट के बारे में दावों और आपत्तियों पर सुनवाई में किसी भी राजनीतिक पार्टी के बूथ-लेवल एजेंट (BLA) को मौजूद रहने की इजाजत नहीं दी जाएगी।
पश्चिम बंगाल के मुख्य चुनाव अधिकारी (CEO) मनोज कुमार अग्रवाल के ऑफिस के सूत्रों ने बताया कि ECI ने यह साफ कर दिया है कि अगर किसी राजनीतिक पार्टी का कोई BLA सुनवाई सेशन में मौजूद होता है, तो चुनावी रजिस्ट्रेशन अधिकारी (ERO) जिम्मेदार होंगे।

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