30 या 31 दिसंबर कब है पौष पुत्रदा एकादशी
एक नगर में सुकेतुमान नाम का राजा रहता था जिसकी पत्नी का नाम शैव्या था। राजा की कोई संतान नहीं थी जिस वजह से दोनों पति-पत्नी दुखी रहते थे। राजा ये सोचकर परेशान थे कि उनके बाद उनका राजपाट कौन संभालेगा और मृत्यु के बाद उनका अंतिम संस्कार कौन करेगा और कौन उन्हें मुक्ति दिलाएगा। एक बार राजा किसी जंगल में विचरण करने निकले और प्रकृति के सौंदर्य को देखकर मंत्रमुग्ध हो गए। जंगल में राजा ने देखा कि सभी पशु-पक्षी अपनी पत्नी और संतानों के साथ सुख से जी रहे हैं। यह देखकर राजा और भी परेशान हो गए और सोचने लगे कि इतने पुण्य कर्म करने के बाद भी वह निःसंतान रह गए।
पुत्रदा एकादशी की व्रत कथा (Paush Putrada Ekadashi Vrat Katha): एक नगर में सुकेतुमान नाम का राजा रहता था जिसकी पत्नी का नाम शैव्या था। राजा की कोई संतान नहीं थी जिस वजह से दोनों पति-पत्नी दुखी रहते थे। राजा ये सोचकर परेशान थे कि उनके बाद उनका राजपाट कौन संभालेगा और मृत्यु के बाद उनका अंतिम संस्कार कौन करेगा और कौन उन्हें मुक्ति दिलाएगा। एक बार राजा किसी जंगल में विचरण करने निकले और प्रकृति के सौंदर्य को देखकर मंत्रमुग्ध हो गए। जंगल में राजा ने देखा कि सभी पशु-पक्षी अपनी पत्नी और संतानों के साथ सुख से जी रहे हैं। यह देखकर राजा और भी परेशान हो गए और सोचने लगे कि इतने पुण्य कर्म करने के बाद भी वह निःसंतान रह गए।
जब राजा की ऋषि से हुई मुलाकात
राजा को कुछ समय बाद प्यास लगी और वह पानी की तलाश करने लगे। तभी उनकी नजर नदी के किनारे बने ऋषि-मुनियों के आश्रम पर पड़ी। राजा ने वहां जाकर सभी ऋषियों को प्रणाम किया। राजा के विनम्र स्वभाव से वहां उपस्थित सभी ऋषि काफी प्रसन्न हुए और उन्होंने राजा से कोई वरदान मांगने के लिए कहा। इस पर राजा ने कहा -हे! ऋषिगण मेरे पास सब कुछ है लेकिन मेरी कोई संतान नहीं है। जिस वजह से मैं और मेरी पत्नी चिंता में डूबे रहते हैं।
ऋषिमुनि ने बताया पुत्रदा एकादशी व्रत का महत्व
ऋषि बोले, “राजन! भगवान ने आज तुम पर अपनी विशेष कृपा दिखाई है और उन्हीं की कृपा से तुम यहां पहुंचे हो। ऋषि ने राजा से पुत्रदा एकादशी का व्रत रखने को कहा। राजा ने नियम से उस व्रत का पालन किया। व्रत के कुछ दिनों बाद रानी गर्भवती हुईं और उन्हें एक तेजस्वी पुत्र की प्राप्ति हुई और अंत में राजा को मोक्ष मिला। इस प्रकार से इस व्रत का महत्व कई गुना बढ़ गया।

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