ऐश्वर्या राय ने छुए पीएम मोदी के पैर
अमिताभ बच्चन की बहू और एक्ट्रेस ऐश्वर्या राय एक बार फिर चर्चा में हैं। उनका एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है। एक्ट्रेस वीडियो में पीएम मोदी के पैर छूते हुए नजर आ रही हैं। लोग इस पर कमेंट कर रहे हैं।
ऐश्वर्या राय हाल ही में आंध्र प्रदेश के पुट्टपर्थी में श्री सत्य साईं बाबा के जन्म शताब्दी समारोह में पहुंची थीं। इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री मोदी और कई अन्य हस्तियां शामिल हुईं थीं। इसी समारोह के मंच पर उन्होंने पीएम मोदी के पैर छुए और उनका आशीर्वाद लिया, जिसका एक वीडियो अब सामने आया है।
ऐश्वर्या राय ने छुए पीएम मोदी के पैर (Aishwarya Rai Touches PM Narendra Modi Feet)
बॉलीवुड अभिनेत्री ऐश्वर्या राय बच्चन के अलावा उस कार्यक्रम में क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर और केंद्रीय मंत्री राम मोहन नायडू किन्जरापु के साथ जी किशन रेड्डी भी शामिल हुए थे। ऐसे में मंच पर जब अभिनेत्री ऐश्वर्या राय बच्चन पहुंचीं, तो सबसे पहले उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पैर छू कर आशीर्वाद लिया। इसके बाद उन्होंने प्रेम और धर्म पर एक बेहद ही शानदार स्पीच दी।
प्रेम, धर्म और इंसानियत पर की बात (Aishwarya Rai at Sri Sathya Sai Baba Birth Centenary Celebration)
ऐश्वर्या ने जोर देते हुए कहा कि अब समय आ गया है जब लोगों को हर तरह के भेदभाव से ऊपर उठकर प्रेम और एकता की राह अपनानी चाहिए। उन्होंने सत्य साईं बाबा के बड़े विचार भी लोगों के सामने दोहराए। उन्होंने कहा, "सिर्फ एक ही जाति है, इंसानियत की जाति। सिर्फ एक ही धर्म है, प्यार का धर्म। सिर्फ एक ही भाषा है, दिल की भाषा। और सिर्फ एक ही भगवान है, जो हर जगह मौजूद है।"
प्रधानमंत्री का किया आभार व्यक्त (Aishwarya Rai PM Narendra Modi)
ऐश्वर्या ने समारोह में अपनी उपस्थिति के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का विशेष रूप से धन्यवाद किया। उन्होंने कहा, "मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी को आज यहां हमारे साथ उपस्थित होने और इस विशेष अवसर का सम्मान करने के लिए हार्दिक धन्यवाद देती हूं। मैं आपके ज्ञानवर्धक शब्दों को सुनने के लिए उत्सुक हूं।"
ऐश्वर्या ने सत्या साईं बाबा के विचारों को लेकर भी की बात
ऐश्वर्या ने आगे कहा कि सत्य साईं बाबा हमेशा सेवा और प्रेम पर बल देते थे। ऐश्वर्या ने बाबा द्वारा बताए गए पांच 'डी' (Five D's) का भी जिक्र किया, जो हैं- डिसिप्लिन (अनुशासन), डेडिकेशन (समर्पण), डिवोशन (भक्ति), डिटरमिनेशन (दृढ़ संकल्प) और डिस्क्रिमिनेशन (विवेक)। उन्होंने कहा कि ये गुण ही जीवन को सार्थक और आध्यात्मिक रूप से मजबूत बनाते हैं।

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