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सरकारी और निजी दफ्तरों के 50% कर्मी करेंगे वर्क फ्रॉम होम, बढ़ रहे प्रदूषण पर सरकार का बड़ा फैसला

 सरकारी और निजी दफ्तरों के 50% कर्मी करेंगे वर्क फ्रॉम होम, बढ़ रहे प्रदूषण पर सरकार का बड़ा फैसला

दिल्ली में बीते दो-तीन सप्ताह से जारी प्रदूषण से बुरा हाल है. बीते कई दिनों से दिल्ली-NCR में वायु प्रदूषण  बेहद खतरनाक स्तर पर है. कई इलाकों में एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 400 के पार लगातार बना रह रहा है. इस बीच दिल्ली सरकार ने एक बड़ा फैसला लिया है. जहरीली हवा में दम घुटते लोगों को राहत देने के मकसद से दिल्ली सरकार ने राजधानी में 50 फीसदी कर्मियों के लिए वर्क फ्रॉम होम का आदेश दिया है. दिल्ली सरकार की ओर से जारी आदेश में कहा गया है, "वायु प्रदूषण से निपटने के लिए ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP) के तहत सभी सरकारी और प्राइवेट दफ्तरों में 50% कर्मियों के साथ काम करने का आदेश दिया है. शेष 50 फीसदी कर्मी घर से काम करेंगे."



मतलब यह कि दिल्ली में प्रदूषण के कारण सभी सरकारी, प्राइवेट दफ्तरों में 50 फीसदी कर्मी वर्क फ्रॉर्म होम करेंगे. इसका मतलब है कि सरकारी और निजी कार्यालयों को कर्मचारियों की उपस्थिति को 50% तक सीमित रखना होगा, जहाँ संभव हो, अलग-अलग समय पर काम करना होगा और वाहनों की आवाजाही को कम से कम करना होगा.


दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण का स्तर खतरनाक होकर एयर क्वालिटी इंडेक्स लगातार चार सौ के पार बना हुआ है.

प्रदूषण से राहत के लिए सभी सरकारी एवं निजी दफ्तरों में 50% कर्मियों को वर्क फ्रॉम होम का आदेश दिया है.

GRAP के तहत कार्यालयों में कर्मियों की उपस्थिति 50 प्रतिशत तक सीमित करने का आदेश दिया गया है.


दिल्ली में बीते दो-तीन सप्ताह से जारी प्रदूषण से बुरा हाल है. बीते कई दिनों से दिल्ली-NCR में वायु प्रदूषण  बेहद खतरनाक स्तर पर है. कई इलाकों में एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 400 के पार लगातार बना रह रहा है. इस बीच दिल्ली सरकार ने एक बड़ा फैसला लिया है. जहरीली हवा में दम घुटते लोगों को राहत देने के मकसद से दिल्ली सरकार ने राजधानी में 50 फीसदी कर्मियों के लिए वर्क फ्रॉम होम का आदेश दिया है. दिल्ली सरकार की ओर से जारी आदेश में कहा गया है, "वायु प्रदूषण से निपटने के लिए ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP) के तहत सभी सरकारी और प्राइवेट दफ्तरों में 50% कर्मियों के साथ काम करने का आदेश दिया है. शेष 50 फीसदी कर्मी घर से काम करेंगे."


मतलब यह कि दिल्ली में प्रदूषण के कारण सभी सरकारी, प्राइवेट दफ्तरों में 50 फीसदी कर्मी वर्क फ्रॉर्म होम करेंगे. इसका मतलब है कि सरकारी और निजी कार्यालयों को कर्मचारियों की उपस्थिति को 50% तक सीमित रखना होगा, जहाँ संभव हो, अलग-अलग समय पर काम करना होगा और वाहनों की आवाजाही को कम से कम करना होगा.

देखें दिल्ली सरकार का आदेश


दिल्ली सरकार के फैसले के प्रमुख तत्त्व 

    यह उपाय सर्दियों के दौरान दिल्ली में प्रदूषण के अत्यधिक उच्च स्तर, विशेष रूप से PM2.5 और PM10, को ध्यान में रखते हुए किया गया है.

    वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) ने कुछ उपायों को GRAP चरण IV से चरण III में स्थानांतरित कर दिया है, जिससे वाहनों की आवाजाही और कार्यालय में उपस्थिति पर कड़े प्रतिबंध लागू होंगे.

    सरकारी और निजी कार्यालयों को कर्मचारियों की उपस्थिति को 50% तक सीमित रखना होगा, जहाँ संभव हो, अलग-अलग समय पर काम करना होगा और वाहनों की आवाजाही को कम से कम करना होगा.

    अस्पतालों, अग्निशमन सेवाओं, सार्वजनिक परिवहन, स्वच्छता और प्रदूषण नियंत्रण गतिविधियों सहित आवश्यक सेवाओं पर छूट लागू है.

    विभिन्न स्तरों पर अधिकारियों को सख्त प्रवर्तन का काम सौंपा गया है, और उल्लंघन पर्यावरण संरक्षण अधिनियम के तहत दंडनीय है.


सोमवार को भी दिल्ली का AQI 396 

दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCR) लगातार तीसरे सप्ताह से गंभीर वायु प्रदूषण की चपेट में है. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के आंकड़ों के अनुसार, सोमवार को दिल्ली का वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 396 दर्ज किया गया, जो 'बहुत खराब' श्रेणी में आता है.


हालांकि, एनसीआर के विभिन्न इलाकों में स्थिति और भी भयावह है, जहां एक्यूआई 450 के स्तर को पार कर गया है. पिछले 23 दिनों से लगातार यही स्थिति बनी हुई है और मौसम विभाग के पूर्वानुमान के अनुसार, अगले एक सप्ताह तक हवा की गुणवत्ता में सुधार की उम्मीद नहीं है. विभिन्न निगरानी स्टेशनों से प्राप्त आंकड़े प्रदूषण की भयावह तस्वीर पेश करते हैं.

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