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छिंदवाड़ा सिरप कांड के बाद एक्शन में सरकार, प्रदेश में हर 7 दिन में मिल रही मिलावटी दवा

 छिंदवाड़ा सिरप कांड के बाद एक्शन में सरकार, प्रदेश में हर 7 दिन में मिल रही मिलावटी दवा

भोपाल : मध्यप्रदेश के छिंदवाड़ा में जहरीली दवा से बच्चों की मौत की घटना ने सभी को सकते में डाल दिया है. घटना के बाद जागी सरकार अब लगातार कार्रवाई कर रही है, लेकिन मध्यप्रदेश में अमानक दवाओं का मामला नया नहीं है. मध्यप्रदेश के सरकारी अस्पतालों में मिलने वाली दवाएं भी सैंपल में अमानक पाई जा चुकी हैं. पिछले करीब 4 सालों के दौरान प्रदेश में जांच के दौरान 229 दवाएं अमानक पाई जा चुकी हैं. यानी जांच के दौरान हर हफ्ते औसतन एक दवा का नमूना घटिया मिला है.



हालांकि, छिंदवाड़ा की घटना के बाद सरकार एक्शन में है. सरकार द्वारा जानलेवा कोल्ड्रिफ कफ सिरप पर बैन के बाद दो और दवा के सैंपल अमानक मिले हैं.


प्रदेश में लगातार मिल रही अमानक दवाएं

मध्यप्रदेश में सरकारी हॉस्पिटलों में सप्लाई होने वाली दवाओं की सैंपलिंग की जाती है. प्रदेश के फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन द्वारा इन दवाओं की सैंपलिंग की जाती है. प्रदेश में पिछले करीबन चार साल के दौरान इन दवाओं के सैंपलिंग के नतीजे चौंकाने वाले हैं. प्रदेश में जांच के दौरान 229 दवाएं अमानक पाई जा चुकी हैं. साल 2025 में ही 1 अप्रेल से 30 जून 2025 के बीच इस तरह की 22 दवाओं के नमूने फेल हो चुके हैं. इसकी जानकारी राज्य सरकार ने ही हाल ही में विधानसभा सत्र में दी है.


विधानसभा में दी गई थी ये जानकारी

विधानसभा में स्वास्थ्य व चिकित्सा शिक्षा मंत्री राजेन्द्र शुक्ला ने बताया था कि प्रदेश में अप्रेल 2021 से जून 2025 के दौरान लैबोरेटरीज में जांच के दौरान 229 दवाओं के नमूने अमानक पाए गए हैं. साल 2021-22 के दौरान 44 दवाओं के नमूने अमानक पाए गए थे. साल 2022-23 के दौरान 46 दवाओं के नमूने अमानक पाए गए, साल 2023-24 के दौरान 25 दवाओं के नमूने अमानक पाए गए और साल 2024-25 के दौरान 92 नमूने अमानक पाए गए. इसके बाद 60 लाइसेंस रद्द किए गए, जबकि चार मामलों में चेतावनी जारी की गई. वहीं, 19 को शो कॉज नोटिस दिया गया. 

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