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बिहार चुनाव 2025 में बुजुर्ग मतदाता बनाएंगे चुनावी समीकरण

 बिहार चुनाव 2025 में बुजुर्ग मतदाता बनाएंगे चुनावी समीकरण

बिहार चुनाव 2025 की तारीखों के ऐलान के साथ ही राज्य की राजनीतिक गलियारियों में हलचल तेज हो गई है। इस बार की सबसे खास और दिलचस्प बात यह है कि राज्य में 100 साल से अधिक उम्र के 14,000 मतदाता मतदान करेंगे। ये बुज़ुर्ग मतदाता अपने अनुभव, परिपक्व दृष्टिकोण और समाज में सम्मान के कारण हर चुनाव में खास भूमिका निभाते आए हैं। राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि इस बार उनका वोट केवल प्रतीकात्मक नहीं, बल्कि कई जगह निर्णायक भी साबित हो सकता है।



राज्य में 85 साल से ऊपर के कुल 4,03,950 मतदाता हैं, वहीं 1,63,619 सेवा मतदाता और 1,725 ट्रांसजेंडर मतदाता भी अपनी राजनीतिक सक्रियता दिखाएंगे। बुज़ुर्ग मतदाता चुनाव में हिस्सा लेकर यह साबित कर रहे हैं कि उम्र सिर्फ संख्या है, मताधिकार का प्रयोग हर अवस्था में संभव है।

मतदाता आंकड़े


बिहार में कुल 243 विधानसभा क्षेत्र हैं, जिनमें से 203 सामान्य, 38 अनुसूचित जाति और 2 अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित हैं। इस बार पहली बार 14,01,150 नए मतदाता मतदान करेंगे। 20 से 29 वर्ष के युवा मतदाता कुल 1,63,25,614 हैं, जबकि 18–19 साल की महिला मतदाताओं की संख्या 5.84 लाख है। पहली बार पंजीकृत मतदाताओं की संख्या 4.19 लाख है, जो यह दर्शाता है कि युवा ऊर्जा भी इस चुनाव में निर्णायक भूमिका निभाने वाली है।


राजनीतिक दलों के लिए यह चुनौती है कि युवा मतदाताओं और बुज़ुर्ग मतदाताओं दोनों की प्राथमिकताओं को समझें। बुज़ुर्ग अनुभव और परिपक्व दृष्टिकोण लाते हैं, जबकि युवा मतदाता नई सोच, डिजिटल सक्रियता और सोशल मीडिया के माध्यम से अपनी ताकत दिखाते हैं।

बिहार चुनाव 2025 की तैयारी


इस बार बिहार में कुल 90,712 मतदान केंद्र बनाए गए हैं। शहरी क्षेत्रों में 13,911 और ग्रामीण क्षेत्रों में 76,801 केंद्र होंगे। प्रति केंद्र औसतन 818 मतदाता होंगे। चुनाव आयोग ने विशेष ध्यान दिया है कि दूरदराज के इलाकों में भी हर मतदाता तक मतदान दल पहुंचे।


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