8th Pay Commission में नया अपडेट
8वीं वेतन आयोग की सिफारिशें 1 जनवरी 2026 से लागू हो सकता है। संसद में हाल ही में हुई चर्चा के दौरान सरकार ने इसकी समयसीमा स्पष्ट करते हुए कहा कि 7वें वेतन आयोग की अवधि 31 दिसंबर 2025 को समाप्त होने के बाद नया आयोग तत्काल प्रभाव से शुरू हो जाएगा। यह अपडेट करीब 50 लाख केंद्रीय कर्मचारियों और 65 लाख पेंशनभोगियों को लाभ पहुंचाएगा।
क्या है नया खुलासा?
सरकार ने लोकसभा में उठे सवालों के जवाब में पुष्टि की है कि 8वीं केंद्रीय वेतन आयोग (CPC) का गठन प्रक्रिया में है और इसकी सिफारिशें 1 जनवरी 2026 से ही अमल में लाई जाएंगी। हालांकि, आयोग के सदस्यों और शर्तों (टीओआर) की आधिकारिक अधिसूचना अभी बाकी है, लेकिन विशेषज्ञों के अनुसार, पिछले आयोगों की तरह यह 18-20 महीनों में अपनी रिपोर्ट सौंप देगा। यदि कोई देरी होती है, तो भी वेतन वृद्धि का लाभ रेट्रोस्पेक्टिव (पीछे की तारीख से) मिलेगा।
DA को बेसिक सैलरी से मिलाने की मांग
यह खुलासा रक्षा मंत्रालय, गृह मंत्रालय, कार्मिक विभाग और राज्य सरकारों से सुझाव मांगने के बाद आया है। कर्मचारी यूनियनों ने भी 2026 से पहले महंगाई भत्ता (DA) को बेसिक सैलरी में मिलाने की मांग की है, जिस पर विचार चल रहा है।
वेतन वृद्धि और फिटमेंट फैक्टर पर क्या उम्मीद?
फिटमेंट फैक्टर: 7वें आयोग के 2.57 के मुकाबले 8वें में 1.92 से 2.86 तक रहने की संभावना। इससे न्यूनतम वेतन 18,000 रुपये से बढ़कर 30,000 से 34,560 रुपये प्रति माह हो सकता है।
सैलरी हाइक: कुल 20-34% की वृद्धि अपेक्षित, लेकिन डीए (वर्तमान 55%) को जीरो रीसेट कर बेसिक पे में मिलाया जाएगा।
अन्य लाभ: हाउस रेंट अलाउंस (एचआरए), ट्रांसपोर्ट अलाउंस और पेंशन में संशोधन। न्यूनतम पेंशन 17,280 रुपये और अधिकतम 2.88 लाख तक पहुंच सकती है। कुछ भत्तों को समाप्त या विलय किया जा सकता है, ताकि स्ट्रक्चर सरल बने।
आयोग का उद्देश्य
8वीं वेतन आयोग का मुख्य लक्ष्य मुद्रास्फीति, आर्थिक स्थिति और जीवनयापन की लागत के अनुरूप वेतन संरचना को अपडेट करना है। पिछले 10 वर्षों से कोई बड़ा बदलाव न होने से कर्मचारियों की मांग बढ़ रही थी। यह आयोग जीडीपी को भी बूस्ट देगा, क्योंकि वेतन वृद्धि से उपभोग और बचत बढ़ेगी। कर्मचारी संगठनों ने सरकार से फिटमेंट फैक्टर को 3.68 तक बढ़ाने की मांग की है, लेकिन अभी यह प्रस्तावित स्तर पर ही है।

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