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Online Gaming Bill से 2 लाख नौकरियां जाने का डर

 Online Gaming Bill से 2 लाख नौकरियां जाने का डर

लोकसभा से बुधवार को ऑनलाइन गेमिंग बिल पास हो गया। इस बिल से ऑनलाइन रियल मनी गेमिंग इंडस्ट्री में हड़कंप मच गया है। ऑनलाइन गेमिंग इंडस्ट्री इस बिल को अपने अस्तित्व के लिए खतरा मान रही है। गेमिंग इंडस्ट्री का कहना है कि अगर यह कानून अपने मौजूदा स्वरूप में लागू हो जाता है, तो हजारों कंपनियां और लाखों नौकरियां प्रभावित होंगी। साथ ही सरकार को मिलने वाला जीएसटी का बड़ा हिस्सा भी खतरे में पड़ सकता है।



300 कंपनियों पर लग जाएगा ताला

ऑल इंडिया गेमिंग फेडरेशन और अन्य संगठनों ने कहा है कि अगर बिल पास हुआ, तो 300 गेमिंग कंपनियों पर ताला लग जाएगा और 2,00,000 नौकरियां प्रभावित होंगी। इससे इंडस्ट्री में असुरक्षा बढ़ेगी और कई छोटे बिजनेस बंद होने की कगार पर आ जाएंगे।


25 हजार करोड़ रुपये का निवेश खतरे में

गोमिंग इंडस्ट्री का अनुमान है कि ऑनलाइन गेमिंग इंडस्ट्री में 25 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा का निवेश लगा हुआ है। अगर बिल लागू हो गया, तो यह निवेश डूब सकता है। इससे न केवल कंपनियों, बल्कि निवेशकों को भी बड़ा नुकसान होगा। एक रिपोर्ट के अनुसार, इस सेक्टर से सरकार को हर साल 20,000 करोड़ रुपए का जीएसटी मिलता है, जो बुरी तरह प्रभावित होगा और सरकारी खजाने को घाटा होगा।


गैर-कानूनी प्लेटफार्म्स पर जा सकते है गेमर्स

गेमिंग इंडस्ट्री ने चेतावनी दी है कि अगर मौजूदा बिल पास हुआ तो करोड़ों असली गेमर्स गैर-कानूनी प्लेटफार्म्स की ओर जा सकते हैं। इससे अनियमित ऑपरेटर्स को बढ़ावा मिलेगा और सरकार के लिए रेगुलेट करना और मुश्किल हो जाएगा। सरकार के इस कदम से यूजर्स अवैध बेटिंग वेबसाइट्स का इस्तेमाल शुरू कर सकते हैं।


इस खतरे की ओर भी इशारा

इस बिल से लगभग 50% फ्रेंचाइजी घरेलू/राष्ट्रीय स्तर की खेल लीग बंद हो सकती है। टीमों और लीगों के स्पॉन्सरशिप राजस्व में 30 से 40% तक की कमी आने की आशंका है। रियल मनी गेमिंग विज्ञापनदाताओं के बिना, गैर-क्रिकेट और जमीनी स्तर के खेल धराशायी हो सकते हैं। इंडस्ट्री का अनुमान है कि विदेशी गैंबलिंग ऑपरेटर्स की वजह से रेवेन्यू में 4 अरब डॉलर का लॉस होगा। यह घरेलू आरएमजी इंडस्ट्री के 3.5 अरब डॉलर के रेवेन्यू से ज्यादा है।

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