मध्य प्रदेश में प्रमोशन में आरक्षण पर रोक, सपाक्स की याचिका पर हाई कोर्ट का फैसला
मध्य प्रदेश के शासकीय कर्मचारियों और अधिकारियों के लिए ये बड़ी खबर है। मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने प्रमोशन में आरक्षण पर रोक लगा दी है, कोर्ट ने नए नियमों का क्रियान्वयन को फिलहाल रोकने का आदेश दिया है, कोर्ट ने कहा है कि अगली सुनवाई तक प्रमोशन में आरक्षण नहीं दिया जाए।
राज्य सरकार से मांगा जवाब
हाई कोर्ट में सपाक्स ने प्रमोशन पर आरक्षण को लेकर एक याचिका लगाई थी जिसपर सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने आदेश दिया है, कोर्ट ने राज्य सरकार को एक सप्ताह में जवाब देने के लिए नोटिस जारी किया है।
याचिका में ये दलील
कोर्ट ने कहा मामले की अगली सुनवाई 15 जुलाई को होगी तब तक किसी भी अधिकारी कर्मचारी को प्रमोशन में आरक्षण का लाभ ना दिया जाये। हाई कोर्ट में दायर याचिका में दलील दी गई है कि मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित रहते सरकार प्रमोशन में आरक्षण का लाभ अभी नहीं दे सकती।
कैबिनेट के फैसले के बाद कर्मचारी अधिकारी हैं खुश
आपको बता दें 17 जून को मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में प्रदेश के कर्मचारियों और अधिकारियों के 9 वर्ष से लंबित पदोन्नति के मामले का निराकरण किया गया था जिसके बाद इनके प्रमोशन का रास्ता साफ हो गया था, सरकार ने फैसले में एससी-एसटी सहित सभी वर्गों के कर्मचारियों और अधिकारियों के हितों का विशेष ध्यान रखा है।
31 जुलाई तक पदोन्नति करने के निर्देश
सरकार द्वारा लोक सेवा पदोन्नति नियम-2025 जारी करते हुए पदोन्नति का रास्ता खोल दिए जाने के बाद कर्मचारियों अधिकारियों में ख़ुशी की लहर दौड़ गई, मुख्य सचिव अनुराग जैन ने 26 जून को राज्य के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की, उन्होंने सभी विभाग प्रमुखों से कहा कि पदोन्नति कार्य को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाये। यह प्रयास किया जाये कि 31 जुलाई 2025 तक अधिकारी-कर्मचारियों को पदोन्नत किया जा सके।
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