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7 मार्च से होलाष्टक और 14 मार्च से खरमास

 7 मार्च से होलाष्टक और 14 मार्च से खरमास

इस बार सात मार्च से होलाष्टक शुरू होगा। इस दौरान विवाह सहित अन्य मांगलिक कार्य नहीं होंगे। 13 मार्च को होलाष्टक समाप्त होगा। इस दिन होलिका दहन भी होगा।


आमतौर पर होली के बाद विवाह और मांगलिक कार्य शुरू हो जाते हैं, लेकिन इस वर्ष 14 मार्च को मलमास शुरू हो रहा है। ऐसे में करीब एक माह तक इस दौरान शुभ और मांगलिक कार्य वर्जित रहेंगे। इस साल फरवरी से लेकर दिसंबर तक कुल शादियों के 42 मुहूर्त हैं।

फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी 7 मार्च से होलाष्टक प्रारंभ होंगे, जो 13 मार्च को समाप्त होंगे। जो फाल्गुन माह की पूर्णिमा यानि होलिका दहन तक चलेंगे।

वहीं इसके एक दिन बाद यानी तो वहीं 14 मार्च से मलमास शुरू हो जाएंगे, जो कि पूरे एक माह यानी 13 अप्रैल को समापन होगा। इस दौरान शादी-विवाह मुंडन, नामकरण, गृह प्रवेश आदि के शुभ कार्य करना वर्जित है।

होलाष्टक में सभी ग्रह उग्र अवस्था में आ जाते हैं, इससे नकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव बढ़ जाता है। यही कारण है कि सनातन धर्म में इस अवधि में कोई शुभ कार्य नहीं किया जाता है।


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