प्रोफेशनल कॉलेजों की फीस छह प्रतिशत तक होगी महंगी
प्रदेश के प्रोफेशनल कॉलेजों में आगामी तीन सत्रों के लिए फीस में बढ़ोतरी के प्रस्ताव को अंतिम रूप दे दिया गया है। प्रवेश और फीस विनियामक समिति (एएफआरसी) ने तय किया है कि कॉलेजों को हर साल 6 प्रतिशत महंगाई और 15 प्रतिशत डेवलपमेंट पर फीस में बढ़ोतरी मिलेगी। इसके अलावा, एनबीए (नेशनल बोर्ड ऑफ एक्रेडिटेशन) से मान्यता प्राप्त इंजीनियरिंग कॉलेजों और एनएबीएच (नेशनल एक्रेडिटेशन बोर्ड फॉर हॉस्पिटल्स) या एनएबीएल (नेशनल एक्रेडिटेशन बोर्ड फॉर लैबोरेट्रीज़) से मान्यता प्राप्त मेडिकल कॉलेजों को 10 प्रतिशत अतिरिक्त इनसेंटिव मिलेगा। पूर्व में यह 15 फीसदी दिया जाता था। ऐसे में इस बढ़ोतरी के बावजूद विद्यार्थियों पर फीस का भार 5 प्रतिशत तक कम होगा, जिससे छात्र-छात्राओं को कुछ राहत मिल सकेगी।
बीएड और बीपीएड कॉलेजों को नहीं मिलेगा लाभ
पारंपरिक प्रोफेशनल कोर्स जैसे बीसीआई (बार काउंसिल ऑफ इंडिया) और एनसीटीई (नेशनल काउंसिल फॉर टीचर एजुकेशन) द्वारा संचालित बीएड, बीपीएड कॉलेजों को यह इनसेंटिव नहीं मिलेगा। इन कॉलेजों के लिए नैक मान्यता अनिवार्य है, जिसके कारण इनका फीस वृद्धि में कोई अतिरिक्त लाभ नहीं मिलेगा।
अगले सप्ताह से शुरू होगी आवेदन प्रक्रिया
फीस का यह नया स्टैक्चर आने वालों सत्रों के लिए लागू होगा। इसके लिए कॉलेजों को बैलेंस शीट देना होगी। बैलेंस शीट के अभाव में कॉलेजों की फीस तय नहीं की जाएगी। फीस कमेटी के ओएसडी देव आनंद हिंडोलिया ने बताया कि कॉलेजों की फीस तय करने के लिए आवेदन प्रक्रिया अगले सप्ताह से शुरू की जाएगी।
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