काठमांडू में पहला भारत-नेपाल पर्यटन सम्मेलन आयोजित
काठमांडू में भारतीय दूतावास ने नेपाल पर्यटन बोर्ड के सहयोग से कल पहला भारत-नेपाल पर्यटन सम्मेलन आयोजित किया। इस दौरान उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में अगले वर्ष महाकुंभ को प्रोत्साहन देने पर चर्चा हुई। भारत और नेपाल के बीच पर्यटन सर्किट को लागू करने की प्रक्रिया तेज करने के लिए बी-टू-बी संपर्क स्थापित करने पर भी चर्चा हुई। नेपाल के संस्कृति, पर्यटन और नागरिक उड्डयन राज्य मंत्री अरूण कुमार चौधरी ने सत्र का उद्घाटन किया। नेपाल पर्यटन बोर्ड के मुख्यकारी अधिकारी दीपक राज जोशी ने आरंभिक भाषण में भारत की सराहना करते हुए कहा कि वह नेपाल आने वाले विदेशी पर्यटकों का सबसे बड़ा स्रोत है। नागरिक उड्डयन राज्य मंत्री ने कहा कि सड़क के रास्ते सीमापार पर्यटन नेपाल में बड़ा योगदान दे रहा है।
भारतीय दूतावास में मिशन के उपप्रमुख प्रसन्न श्रीवास्तव ने भौतिक और डिजिटल कनेक्टिविटी के विकास पर बल देते हुए कहा कि इसके कारण भारत और नेपाल के बीच पर्यटन बढ़ रहा है। उन्होंने भारत-नेपाल के बीच पर्यटन की पूरी क्षमता का लाभ उठाने के लिए दोनों देशों के संयुक्त प्रयास जारी रखने पर बल दिया।
इस अवसर पर उत्तर प्रदेश के पर्यटन विभाग ने महाकुंभ की तैयारियों को दिखाया जो प्रयागराज में संस्कृति का अनुभव करने के इच्छुक सनातनी और अन्य लोगों के लिए महत्वपूर्ण है। भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद के समर्थन से भारत के आठ सदस्यों के दल के कथक नृत्य के साथ सम्मेलन का समापन हुआ। बी-टू-बी आयोजन में भारत से 13 और नेपाल से 60 टूर आपरेटर शामिल हुए।
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