....

अगहन का पहले गुरुवार पर मां लक्ष्मी पूजा

 अगहन का पहले गुरुवार पर मां लक्ष्मी पूजा

हिंदू मान्यता के अनुसार अगहन मास के गुरुवार को लक्ष्मी और विष्णु की पूजा करने से घर में समृद्धि और खुशहाली आती है। ज्योतिषाचार्य पंडित देव कुमार पाठक के अनुसार सुबह शुभ मुहूर्त में महिलाएं हल्दी और आंवले का उबटन लगाकर स्नान करेंगी और पूजा-अर्चना में भाग लेंगी। इस दौरान घर-आंगन को सुंदर चौक, दीपों और पुष्पों से सजाया जाता है।

लक्ष्मी और विष्णु की मूर्तियों की स्थापना कर विशेष धूप, दीप, और आंवला पत्तों के साथ पूजा की जाएगी। पूजा के बाद खीर, पूड़ी, और अन्य पारंपरिक व्यंजन भोग के रूप में अर्पित किए जाएंगे।


इस पूजा की खास बात

अगहन मास के हर गुरुवार पूजा जो भोग लगाया जाता उस प्रसाद को घर के बाहर नहीं बांटा जाता, क्योंकि मान्यता है कि ऐसा करने से मां लक्ष्मी नाराज हो सकती हैं। पूजा के बाद परिवार के सदस्य एक साथ प्रसाद ग्रहण करेंगे। ग्रामीण अंचल में विशेष रूप से नए चावल से बने पकवान, जैसे फरा और पूड़ी, भोग में शामिल होंगे। वहीं शहर के लोग खीर-पूड़ी और अन्य मिठाइयों का भोग लगाएंगे।

पूरे महीने चलेगा पूजा उत्सव

अगहन मास के हर गुरुवार को यह पूजा अलग-अलग प्रकार के पकवानों और विधियों के साथ की जाती है। पहला गुरुवार खास महत्व रखता है, क्योंकि इसे नए फसल के उपयोग की शुरुआत के रूप में भी देखा जाता है। यह परंपरा परिवार और समाज के बीच जुड़ाव और समृद्धि का संदेश देती है।

अगहन माह महालक्ष्मी का माना गया है

आज गुरुवार 21 नवंबर 2024 का पहला को अगहन गुरुवार को पर्व मनाया जा रहा है। जिसमें शास्त्रगत मान्यताओं के आधार पर अगहन गुरुवार में व्रत रखने का विधान है। इस दिन स्नानादि से निवृत्त होकर व्रत का संकल्प महिलाओं द्वारा किया जाता है। इसके अलावा शाम को चंद्रमा के उदित होने के उपरांत पुष्प, नैवेध, धूम, दीप प्रज्वलित कर भगवान गणेश की पूजा की जाती है। पौराणिक मान्यतानुसार अगहन माह महालक्ष्मी का महीना माना गया है। इस माह के गुरुवार को धन देवी की विधि-विधान से पूजा-अर्चना करने से सुख-शांति व समृद्धि मिलती है।

देवी के पग चिन्ह बनाकर स्वागत

घर व द्वार को रंगोली से सजाकर मां पूजा स्थल तक देवी के पग चिन्ह बनाकर गुरुवार को भोर में उनका आह्वान करती हैं। सुबह, दोपहर और शाम तीनों समय उन्हें भोग अर्पित करते हुए पूजा-अर्चना की जाती है। चावल आटें से सजाएंगे घर का द्वारगुरुवार को अल सुबह मां की पूजा-अर्चना शुरू हो जाएगी। महिलाओं ने घर-द्वार सजाने के साथ ही पूजा की तैयारी मंगलवार से ही शुरू कर दी है।

Share on Google Plus

click Anonymous

    Blogger Comment
    Facebook Comment

0 comments:

Post a Comment