महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में इस बार आएंगे बेहद चौकांने वाले नतीजे
महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव की तैयारियां शुरु हो गई हैं. देश की राजनीति में महाराष्ट्र की हैसियत किसी से छिपी नहीं है. देश की आर्थिक राजधानी पर किसकी हुकमत होगी, इस पर अब सभी की नजरें जम गई हैं. महाराष्ट्र में इस बार सियासत कुछ अलग है, इसलिए नतीजों को लेकर लोगों में उत्सुकता है.
अंक ज्योतिष की गणना से महाराष्ट्र चुनाव को लेकर रोचक तथ्य सामने आ रहे हैं, जिससे ये तय है कि इस बार महाराष्ट्र के विधानसभा चुनाव बहुत खास और राज्य ही नहीं पूरे देश की राजनीति को प्रभावित करने वाले होंगे.
महाराष्ट्र विधानसभा में दलीय स्थिति (Maharashtra Election 2024
वर्तमान में महाराष्ट्र विधानसभा में दलीय स्थिति की बात करें तो विधानसभा की कुल 288 सीटों में से बीजेपी, एक नाथ शिंदे वाली शिवसेना और अजित पवार वाली एनसीपी के साथ ही समर्थन दे रहे निर्दलीय विधायकों का कुल आंकड़ा 203 है. वहीं विपक्ष की महाअघाड़ी में कांग्रेस के अलावा शरद पवार वाली एनसीपी और उद्धव ठाकरे वाली शिवसेना है, जिनके पास कुल 69 विधायक हैं. 15 सीटें अब भी खाली हैं.
288 का, अंक ज्योतिष से नाता
अंक ज्योतिष के अनुसार 288 का मूलांक 9 बनता है. 9 अंक का स्वामी मंगल ग्रह को बताया गया है.मंगल को सभी ग्रहों का सेनापति है. इसका संबंध साहस, उत्तेजना, शौर्य, युद्ध और क्रोध का कारक माना गया है. इसलिए कह सकते हैं इस अंक पर मंगल का प्रभाव है.
विशेष बात ये है कि हिंदू नववर्ष यानि विक्रम संवत 2081 का राजा मंगल ही है, जबकि मंत्री शनि है. यानि इस बार के विधानसभा चुनाव में महाराष्ट्र के गरीब, पिछड़े, दलित और कमजोर वर्ग से आने वाले मतदाता बहुत प्रभावशाली भूमिका निभाने जा रहे हैं. राजा का मंत्री यानि शनि वर्तमान समय में कुंभ राशि में वक्री अवस्था में गोचर कर रहा है, जो 15 नवंबर 2024 को मार्गी हो रहा है. शनि मार्गी अवस्था में आते ही फुल पावर में आ जाएंगे. ज्योतिष में जनता जनार्दन का कारक शनि ग्रह ही है. यानि अभी तक जो जनता शांत दिख रही है वो विधानसभा चुनाव में पूरी दमखम के साथ वोट की चोट करेगी.
मंगल की स्थिति यहां कमजोर दिख रही है. बीते 20 अक्टूबर 2024 को मंगल का गोचर कर्क राशि में हुआ था. कर्क राशि मंगल की नीच राशि है, चुनाव के समय तक मंगल इसी राशि में गोचर करेगा. इस कारण यहां मंगल की स्थिति कम प्रभावशाली दिखाई दे रही है. यानि इस बार जो रणनीतिकार हैं उन्हें सफलता पाने के लिए अधिक मेहनत करनी होगी. शनि की भूमिका अधिक होने से पार्टी नेताओं को अपने कार्यकर्ताओं को अधिक वरीयता देनी होगी.
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