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यूनिवर्सल पोस्टल यूनियन की 150वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में स्मारक टिकट जारी किए गए

 


विश्व डाक दिवस के मौके पर, केन्द्र सरकार के डाक विभाग ने यूनिवर्सल पोस्टल यूनियन (UPU) की 150वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में स्मारक डाक टिकटों का एक विशेष सेट जारी किया। डाक विभाग की सचिव वंदिता कौल ने मेघदूत भवन, नई दिल्ली में आयोजित एक समारोह के दौरान, ये टिकट जारी किए। डाक विभाग के वरिष्ठ अधिकारी इस महत्वपूर्ण उपलब्धि के प्रति अपना सम्मान जताने के लिए इस मौके पर उपस्थित थे और उन्होंने UPU की स्थायी विरासत और वैश्विक डाक सेवाओं को आकार देने में इसकी महत्वपूर्ण भूमिका के प्रति अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की।


9 अक्टूबर, 1874 को बर्न, स्विटजरलैंड में स्थापित UPU आधुनिक डाक सहयोग की आधारशिला है तथा भारत इसके सबसे पुराने और सबसे सक्रिय सदस्यों में से एक है। UPU ने अंतर्राष्ट्रीय डाक विनियमनों को मानकीकृत करने, अपने 192 सदस्य देशों के बीच निर्बाध मेल एक्सचेंज सुनिश्चित करने और डाक सेवाओं को सभी के लिए सुलभ बनाने में एक बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।


केंद्रीय संचार एवं उत्तरपूर्व क्षेत्र विकास मंत्री ज्योतिरादित्य एम. सिंधिया ने इस मौके पर अपना संदेश भेजा, 'यह बहुत गर्व की बात है कि विश्व डाक दिवस पर, भारत सरकार के डाक विभाग ने यूनिवर्सल पोस्टल यूनियन (UPU) की 150वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में स्मारक डाक टिकटों का एक विशेष सेट जारी किया है। UPU ने एक ऐसे विश्व को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, जहाँ संचार की कोई सीमा नहीं है। इन टिकटों के साथ, हम नवाचार और समावेशिता के लिए भारत की साझा कटिबद्धता का आदर करते हैं और वैश्विक डाक नेटवर्क में एक महत्वपूर्ण कड़ी के रूप में भारतीय डाक विभाग की भूमिका की पुनः पुष्टि करते हैं। आइए, हम सब मिलकर दूरियाँ कम करते रहें, समुदायों को एकजुट करते रहें और राष्ट्रों के बीच संचार को बढ़ावा देते रहें।"


इस कार्यक्रम में बोलते हुए, कौल ने यूपीयू के योगदान के महत्व पर जोर देते हुए कहा, "डाक सेवाओं में वैश्विक सहयोग को बढ़ावा देने में यूपीयू की विरासत अमूल्य है। यूपीयू की पहलों में भारत की सक्रिय भागीदारी और डिजिटल प्रगति तथा ई-कॉमर्स के जरिए डाक सेवाओं को आधुनिक बनाने के हमारे प्रयासों ने वैश्विक डाक परिदृश्य में भारत की स्थिति को बेहतर बनाया है।"


इस वर्ष, विश्व डाक दिवस का आयोजन विशेष रूप से सार्थक है, क्योंकि भारतीय डाक ने राष्ट्र को अपनी 170वीं वर्ष की सेवा प्रदान की है। शहरी केंद्रों से लेकर दूरदराज के गांवों तक, भारतीय डाक देश भर में आवश्यक सेवाएं प्रदान करने और लोगों को जोड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता रहा है।


आज जारी किए गए तीन स्मारक टिकटों का सेट भारत के यूपीयू के साथ मजबूत संबंधों को दर्शाता है तथा सहयोग, नवाचार और समावेशिता के साझा मूल्यों का प्रतीक हैं। ये डाक टिकट दूरियों को पाटने, संचार को सुगम बनाने और दुनिया भर के लोगों को जोड़ने में डाक सेवाओं की महत्वपूर्ण भूमिका को उजागर करते हैं।


विश्व के सबसे बड़े डाक नेटवर्क के साथ-साथ, भारतीय डाक विभाग यूपीयू के मिशन के साथ तालमेल बनाए हुए है और अपनी सेवाओं का आधुनिकीकरण कर रहा है तथा विश्व भर में डाक अवसंरचना के विकास में सहयोग दे रहा है।


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