मध्यप्रदेश में गणेश उत्सव, डोल ग्यारस, ईद मिलादुन्नबी, अनंत चतुर्दशी आदि पर्वों पर शांति एवं कानून व्यवस्था सुदृढ़ रहे, इसके दृष्टिगत पुलिस महानिदेशक सुधीर सक्सेना ने बुधवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से पुलिस विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों की बैठक ली। इस दौरान उन्होंने कहा कि त्यौहारों पर शांति एवं कानून व्यवस्था सुदृढ़ रखने के लिए गंभीरता से योजना तैयार करें। अपने क्षेत्रों की सतत् निगरानी करते रहें। बैठक में समस्त एडीजी/आईजी, भोपाल एवं इंदौर के पुलिस कमिश्नर, रेंज डीआईजी एवं समस्त पुलिस अधीक्षक व उपायुक्त शामिल हुए। इस बैठक में एडीजी (इंटेलिजेंस) श्री जयदीप प्रसाद सहित अन्य उच्चाधिकारी भी उपस्थित रहे।
डीजीपी सक्सेना ने कहा कि प्रदेश में आगामी पर्वों के दौरान शांति एवं कानून व्यवस्था सुदृढ़ रखने के लिए हमें तैयार रहना है। त्यौहारों में नागरिक उत्साहपूर्वक सम्मिलित हो रहे हैं, जिसके दृष्टिगत पुलिस की व्यवस्थाएं चाक-चौबंद हों, यह सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने कहा कि समस्त जिलों को अतिरिक्त बल उपलब्ध करा दिया गया है। पुलिस अधीक्षक पूरे बल की गहन समीक्षा कर सभी संवेदनशील तथा उपयुक्त स्थलों पर पर्याप्त तैनाती सुनिश्चित करें। ग्राम/नगर रक्षा समिति का सहयोग लें। उन्होंने कहा कि जिला एवं थाना स्तर के अलावा आवश्यकतानुसार बीट्स, मोहल्ला पर भी शांति समिति की बैठक आयोजित करें। बीट स्तर की इंटेलीजेंस को अत्यधिक सक्रिय रखें।
डीजीपी सक्सेना ने कहा कि त्यौहारों के दौरान इस बात का विशेष ध्यान रखा जाए कि महिलाओं के साथ कोई अभद्रता की घटना ना हो। महिलाओं के साथ छेड़खानी करने वालों के विरुद्ध कठोर कानूनी कार्रवाई की जाए। गणेशोत्सव के दौरान महिलाओं के घर पहुंचने तक पुलिस मुस्तैदी से तैनात रहे। पंडालों में तथा जुलूस मार्ग पर सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएं। सुनसान क्षेत्रों में पुलिस गश्त होती रहे।
डीजीपी सक्सेना ने कहा कि असामाजिक गतिविधियों को रोकने के लिए सजग रहें। विशेष तौर पर अवैध शराब कारोबारियों पर कड़ी कार्रवाई की जाए। लाइसेंसी शराब दुकानें शासन के निर्धारित समय पर खुलें एवं बंद हों, यह अनिवार्य रूप से सुनिश्चित करें। वहीं डीजे पर आपत्तिजनक गाने ना बजाए जाएं, इसके लिए डीजे संचालकों को निर्देशित करें। असामाजिक तत्वों पर निगरानी रखें और उन पर प्रतिबंधात्मक कार्रवाई की जाए।
डीजीपी ने अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि अप्रिय घटनाओं को रोकने के लिए विशेष व्यवस्था की जाए। अन्य विभागों से भी समन्वय बनाकर रखें। नागरिकों को समझाइश दें कि बिजली के खंभों, तारों आदि से दूर रहें। प्रतिमाओं के विसर्जन के दौरान घाटों पर सुरक्षा की पर्याप्त व्यवस्था की जाए। पंचायतों, नगरीय निकायों, स्वास्थ्य विभाग से भी समन्वय करें। आपदा प्रबंधन के लिए गोताखोर और नौका दलों के साथ-साथ आवश्यक स्वास्थ्य व्यवस्था सुनिश्चित करें। इसी तरह गणेश उत्सव समितियों के पदाधिकारियों से समन्वय कर उन्हें वॉलंटियर्स बनाएं। ईद मिलादुन्नबी पर निकलने वाले जुलूसों में भी वॉलंटियर्स तैनात कराएं। निर्धारित मार्ग से जुड़ने वाले रास्तों पर भी निगरानी रखी जाए।
डीजीपी सक्सेना ने कहा कि विगत वर्षों में जिन स्थानों पर सांप्रदायिक घटनाएं एवं विवाद की स्थिति बनीं हैं, उन सभी संवेदनशील स्थानों को चिह्नित कर उनकी निगरानी की जाए। विशेषकर शरारती तत्वों और उपद्रव फैलाने वाले लोगों की पहचान पहले ही कर ली जाए। शोभायात्रा और विसर्जन यात्रा के मार्गों को चिह्नांकित कर पर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था करें। इस दौरान वीडियोग्राफी और ड्रोन का भी प्रयोग करें।
डीजीपी सक्सेना ने कहा कि सांप्रदायिक सौहार्द का वातावरण बना रहे इसके लिए पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों को मुस्तैदी से कार्य करना होगा। उन्होंने कहा कि विशेष तौर पर सोशल मीडिया की मॉनिटरिंग24*7 करें और आपत्तिजनक पोस्ट करने वालों पर प्रभावी कार्रवाई करें।किसी भी अफवाह का तत्काल खंडन कर आमजन को तथ्यों के साथ सही जानकारी देना सुनिश्चित करें।
एडीजी (लॉ एंड ऑर्डर) जयदीप प्रसाद ने कहा कि सभी अधिकारी जनप्रतिनिधियों, मीडियाकर्मियों तथा प्रभावशाली व्यक्तियों से सतत् सम्पर्क रखें। फोर्स का डिप्लायमेंट उचित प्रकार से करें। विसर्जन के समय विशेष सतर्कता बरतें पहले से निर्धारित किए गए व्यक्ति ही विसर्जन करें। असामाजिक लोगों पर कार्रवाई सुनिश्चित करें।
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