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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा में समिट ऑफ द फ्यूचर को संबोधित किया

 


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि डिजिटल बुनियादी ढांचा व्‍यवधान नहीं बल्कि विश्‍व को जोड़ने वाले पुल की तरह होना चाहिए। कल रात संयुक्‍त राष्‍ट्र महासभा में समिट ऑफ द फ्यूचर के अवसर पर प्रधानमंत्री ने कहा कि वैश्विक हित के लिए भारत अपना डिजिटल बुनियादी ढांचा साझा करने को तैयार है। प्रधानमंत्री ने कहा कि प्रौद्योगिकी के सुरक्षित और उत्तरदायी उपयोग के लिए संतुलित नियमन आवश्‍यक है। उन्‍होंने कहा कि इस संदर्भ में एक ऐसा वैश्विक प्रशासन जरूरी है जिसमें संप्रभुता और अखंडता पर कोई आंच न आए। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि मानवता की सफलता एकजुटता शक्ति में निहित है न कि किसी युद्ध भूमि में।


शांति और सुरक्षा पर खतरों को लेकर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि एक ओर जहां आतंकवाद वैश्विक शांति और सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा बना हुआ है, वहीं दूसरी ओर साइबर, समुद्री और अंतरिक्ष सुरक्षा पर खतरा नए संकट के रूप में उभर रहा है। श्री मोदी ने कहा कि इन सभी मुद्दो पर वैश्विक कार्रवाई वैश्विक आकांक्षा के अनुरूप होनी चाहिए।


प्रधानमंत्री ने कहा कि विश्‍व के भविष्‍य को लेकर विचार-विमर्श में मानव केन्द्रित दृष्टिकोण को सर्वोच्‍च प्राथमिकता देनी होगी। सतत विकास के साथ-साथ मानव कल्‍याण, खाद्य और स्‍वास्‍थ्‍य सुरक्षा भी सु‍निश्चित करनी होगी। भारत में 25 करोड़ लोगों को गरीबी से बाहर लाने का उदाहरण दर्शाता है कि  सतत विकास सफल हो सकता है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत सफलता का यह अनुभव विकासशील और अविकसित देशों के साथ साझा करने को तैयार है।  


पीएम मोदी और अन्य नेताओं ने वैश्विक विकास को आगे बढ़ाने में डिजिटल प्रौद्योगिकियों की परिवर्तनकारी क्षमता को पहचाना। विदेश मंत्रालय द्वारा परिभाषित डीपीआई में सुरक्षित, साझा डिजिटल सिस्टम शामिल हैं जो सार्वजनिक सेवाओं तक समान पहुंच सुनिश्चित करते हैं। सार्वजनिक और निजी दोनों क्षेत्रों द्वारा सह-निर्मित ये सिस्टम कानूनी ढांचे द्वारा शासित होते हैं, जो निष्पक्ष प्रतिस्पर्धा और मानवाधिकारों को बढ़ावा देते हैं।


अपने भाषण के दौरान पीएम मोदी ने बढ़ती वैश्विक सुरक्षा चुनौतियों, विशेष रूप से साइबरस्पेस, समुद्री और अंतरिक्ष क्षेत्रों को भी संबोधित किया और एक समन्वित वैश्विक कार्रवाई का आह्वान किया। उन्होंने जोर देकर कहा आतंकवाद वैश्विक शांति और सुरक्षा के लिए एक गंभीर खतरा बना हुआ है, साइबर, समुद्री और अंतरिक्ष जैसे संघर्ष के नए क्षेत्र भी उभर रहे हैं।


बहुपक्षीय वैश्विक संस्‍थाओं में सुधारों का उल्‍लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि इन संस्‍थाओं को प्रासंगिक बनाए रखने के लिए सुधार आवश्‍यक है। प्रधानमंत्री मोदी ने इस दिशा में एक महत्‍वपूर्ण कदम के रूप में जी-20 में स्‍थाई सदस्‍य के रूप में अफ्रीकी संघ को शामिल किये जाने का उल्‍लेख किया। प्रधानमंत्री ने कहा कि एक पृथ्‍वी, एक परिवार, एक भविष्‍य भारत की प्रतिबद्धता है।

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