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सुर ताल” उत्सव की समापन संध्या में रूहानी हुई शाम, “सात सुरों का बहता दरिया तेरे नाम”, “कोई जो मिले मुझ सा हसीन, बात ना करना” जैसी गजलों ने बांधा समा

 


डेल्फीक काउंसिल ऑफ़ राजस्थान, पश्चिम क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र, उदयपुर और उत्तर क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र पटियाला के संयुक्त तत्वाधान में 6 से 8 सितंबर तक आयोजित तीन दिवसीय 'सुर ताल' उत्सव का समापन रविवार को जवाहर कला केंद्र में हुआ । कार्यक्रम में वरिष्ठ आईएएस अधिकारी संदीप वर्मा, पुलिस महानिदेशक हेमंत प्रियदर्शी, सेवानिवृत न्यायाधिपति दीपक माहेश्वरी, नगर निगम ग्रेटर की आयुक्त रुक्मणि रियार अतिथि रहें।


समापन संध्या ग़ज़ल गायक प्रेम भंडारी, पमिल मोदी और देवेंद्र हिरन की सुरमई गज़लों के नाम रही। समापन संध्या में प्रेम भंडारी, पामिल मोदी और देवेंद्र हिरन ने एक साथ मंच साझा करके विभिन्न गज़लों को पेश किया जिनमे सात सुरों का बहता दरिया तेरे नाम, कोई जो मिले मुझ सा हसीन बात ना करना, ग़म का खज़ाना तेरा भी है, ए काश ऐसा हो जाए आदि गज़लों नें समा बांधा।


राजस्थान डेल्फिक काउंसिल की अध्यक्ष श्रेया गुहा ने बताया कि महोत्सव में प्रसिद्ध फोटोग्राफर शिरीष कराले ने 3 दिवसीय फोटोग्राफी वर्कशॉप में विधार्थियो को फोटोग्राफी विधा की विभिन्न बारीकीयों से अवगत करवाया है। इसके साथ ही पूरे भारत से आये कलाकारों ने भी नृत्य, शास्त्रीय संगीत गायन और वादन से दर्शकों को रूबरू करवाया । 


कार्यक्रम के बाद श्रेया गुहा और जयपुर जिला कलेक्टर डॉ जीतेन्द्र सोनी ने सभी कलाकारों और अतिथियों का धन्यवाद ज्ञापित किया। 


इस अवसर पर उत्तर क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र के निदेशक फुरकान खान, काउन्सिल के सदस्य आरएएस अधिकारी शिप्रा शर्मा, कीर्ति शर्मा, नवीन त्रिपाठी, राहुल सूद भी उपस्थित रहें।


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