मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि निर्माणाधीन और स्वीकृत नई सिंचाई परियोजनाओं का कार्य समय-सीमा में पूरा किया जाए। कार्यों में गुणवत्ता का विशेष ध्यान रखा जाए। लंबित सिंचाई परियोजनाओं को प्राथमिकता के साथ पूरा करने का प्रयास करें। मुख्यमंत्री डॉ. यादव कल मंत्रालय में नर्मदा नियंत्रण मण्डल की 83 वीं और वृहद परियोजना नियंत्रण मंडल की 124 वीं बैठक में अधिकारियों को निर्देशित कर रहे थे।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा है कि सिंचाई परियोजनाओं का लाभ आदिवासी बहुल क्षेत्रों को समय पर और सही ढंग से पहुंचाना सुनिश्चित करें। बैठक में जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट, मुख्य सचिव वीरा राणा, अपर मुख्य सचिव मुख्यमंत्री कार्यालय डॉ. राजेश राजौरा, विभागीय वरिष्ठ अधिकारी और सदस्यगण उपस्थित थे।
बैठक में विभिन्न सिंचाई परियोजनाओं के संबंध में चर्चा हुई। अपर मुख्य सचिव डॉ. राजौरा द्वारा परियोजनाओं की निविदा एवं स्वीकृति की जानकारी दी गई। बैठक में बताया गया कि आदिवासी बहुल क्षेत्रों को सिंचाई परियोजनाओं से अधिक लाभ होगा।
नर्मदा नियंत्रण मण्डल की 83वीं बैठक में बड़वानी जिले की निवाली उद्वहन माईक्रो सिंचाई परियोजना एवं सेंधवा उद्वहन माईक्रो सिंचाई परियोजना, धार उद्वहन माईक्रो सिंचाई परियोजना, माँ रेवा उद्वहन माईक्रो सिंचाई परियोजना और जावर माईक्रो उद्वहन सिंचाई परियोजना के कार्यों के संबंध में चर्चा की गई।
वृहद परियोजना नियंत्रण मंडल की 124 वीं बैठक के अंतर्गत सीतापुर हनुमना सिंचाई परियोजना के बीरबल बैराज एवं दाबयुक्त सिंचाई प्रणाली का निर्माण कार्य, शिप्रा नदी पर चितावद परियोजना अंतर्गत बांध एवं प्रेशराईज्ड प्रणाली का निर्माण कार्य और झाबुआ जिले की थांदला तहसील के अंतर्गत टर्न की पद्धति पर तलाबड़ा बांध परियोजना के निर्माण कार्य के संबंध में चर्चा हुई।
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