मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कल उज्जैन में बाबा महाकाल की आखिरी राजसी सवारी के अवसर पर अपने संदेश में कहा कि यह मात्र सवारी न होकर बाबा महाकाल का जनता के साथ सीधा सरोकार है। भगवान दर्शन देते हुए अपनी लौकिक दुनिया को अपनी निगाह से देखना चाहते हैं। मनुष्य भी इस अवसर की प्रतिक्षा करते हैं। कालों के काल महाकाल इस दुनिया में सदैव हमारा उत्साह बढ़ाते हैं। सभी का संरक्षण करते हैं। जीवन की ललक जगाते हैं। महाकाल की छबि देवों के देव के रूप में है। बाबा महाकाल एक विलक्षण देव हैं। गरीब से गरीब आदमी के जीवन में वे आशा, अपेक्षा और उत्साह का रंग घोलते हैं।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने सवारी में शामिल हुए नागरिकों का स्वागत करते हुए कहा कि बाबा महाकाल की सवारी की विशेषता है कि पूरे सावन में आयोजन होते हैं। पूर्णिमा से पूर्णिमा तक सभी सावन और भादो मास में दो सवारी अमावस्या से अमावस्या तक निकलती है। इस तरह उत्तर भारत और दक्षिण भारत की परम्पराओं के साथ पूर्व और पश्चिम सभी दिशाओं को शामिल करते हुए बाबा कृपा बरसाते हैं।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि इस वर्ष बाबा महाकाल की सवारी में अनेक आकर्षण जोड़े गए, जिससे सभी को आनंद आया। प्रदेश के अनुसूचित जाति और जनजाति वर्ग के प्रतिनिधि और श्रद्धालुजन भी अपनी लोक कलाओं के प्रदर्शन के साथ सवारियों में शामिल हुए। हमारे लिए बाबा महाकाल समग्र रूप से पूरे प्रदेश के लिए विशेषकर बड़ा देव के नाते से जनजातीय क्षेत्र में भी अत्यंत श्रद्धा से जाने जाते हैं। जनजातीय संस्कृति से अन्य लोग भी परिचित हों, इसलिए उन्हें सवारी में शामिल किया गया। सवारी में पहली बार पुलिस बैंड की आकर्षक प्रस्तुति भी शामिल की गई। साथ ही अन्य विभागों की सहभागिता भी रही। इस वर्ष आखिरी सवारी में पुष्प-वर्षा की व्यवस्था की गई। इन सभी प्रयासों और नवाचारों से महाकाल की सवारी की आभा एवं गौरव में वृद्धि हुई है।
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