....

सुप्रीम कोर्ट ने आगाह किया है कि न्‍यायाधीशों को ऐसी टिप्‍पणियों से बचना चाहिए जो मिथ्‍यापूर्ण और किसी भी समुदाय के लिए पूर्वाग्रह ग्रस्‍त हो

 सुप्रीम कोर्ट ने आगाह किया है कि न्‍यायाधीशों को ऐसी टिप्‍पणियों से बचना चाहिए जो मिथ्‍यापूर्ण और किसी भी समुदाय के लिए पूर्वाग्रह ग्रस्‍त हो

सर्वोच्‍च न्‍यायालय ने आगाह किया है कि न्यायाधीशों को ऐसी टिप्‍पणियों से बचना चाहिए जो मिथ्या पूर्ण और किसी भी समुदाय के लिए पूर्वाग्रह ग्रस्‍त हो।

भारत के मुख्‍य न्‍यायाधीश डी वाई चंद्रचूड, न्‍यायाधीश संजीव खन्ना, बी आर गवई, सूर्यकांत और ऋषिकेश रॉय की पीठ स्‍वत: संज्ञान लेते हुए कर्नाटक उच्‍च न्‍यायालय द्वारा सुनवाई के दौरान की गई विवादास्‍पद टिप्‍पणियों की वायरल क्लिपिंग्‍स से जुड़े मुद्दे की सुनवाई कर रही थी।


न्‍यायालय ने न्यायाधीशों द्वारा संयम बरतने की आवश्‍यकता पर बल दिया, विशेषकर इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के दौर में जब अदालत की कार्यवाही की व्यापक रिपोर्टिंग होती है। न्‍यायालय ने किसी समुदाय या जाति विशेष के खिलाफ की गई टिप्‍पणियों पर असहमति व्‍यक्‍त की।

पांच न्‍यायाधीशों की पीठ ने अपने आदेश में इस बात पर जोर दिया कि न्‍याय की आत्‍मा निष्‍पक्षता में है। न्यायाधीशों को केवल संविधान में निहित मूल्‍यों से निर्देशित होना चाहिए।  

Share on Google Plus

click Anonymous

    Blogger Comment
    Facebook Comment

0 comments:

Post a Comment