....

राष्ट्रीय आयुष मिशन अंतर्गत आयोजित "वृद्धावस्था स्वास्थ्य शिविर" में 96 हजार से अधिक वृद्धजनों ने लिया स्वास्थ्य लाभ

 


राष्ट्रीय आयुष मिशन के अंतर्गत गुरुवार को प्रदेश के समस्त 800 आयुष्मान आरोग्य मंदिर (आयुष) में एक साथ "वृद्धावस्था स्वास्थ्य शिविर" का आयोजन किया गया। शिविर के माध्यम से 44 हजार 264 महिलाओं एवं 51 हजार 603 पुरुषों सहित कुल 95 हजार 867 वृद्धजनों को चिकित्सीय लाभ प्रदान किया गया। यह जानकारी आयुष मिशन अंतर्गत विकसित पोर्टल पर दर्ज की गई है।


आयुष विभाग के नोडल मीडिया अधिकारी डॉ राजीव मिश्रा ने बताया कि शिविरों में संबंधित क्षेत्र के आयुष चिकित्सालय एवं महाविद्यालय के चिकित्सा विशेषज्ञों द्वारा परिक्षेत्र के जनसामान्य को वृद्धावस्था जन्य विकारों में आयुष उपचार के लिए चिकित्सीय सेवाएं प्रदान की गई। इन शिविरों में दृष्टि, जोड़ों, श्रवण, छाती, रक्तचाप और रक्त शर्करा, हीमोग्लोबिन सहित अन्य जांचों से संबंधित सरल नैदानिक परीक्षा के आधार पर बुजुर्ग व्यक्तियों का स्वास्थ्य मूल्यांकन किया गया। साथ ही शिविर में रक्त शर्करा, हीमोग्लोबिन के लिए प्रयोगशाला परीक्षण सुविधा भी उपलब्ध कराई गई तथा आवश्यक आयुष औषधियों की निःशुल्क उपलब्धता भी सुनिश्चित कराई गई। बढ़ती उम्र में स्वस्थ रहने की अवधारणा, शारीरिक व्यायाम के महत्व, स्वस्थ आदतों और योग तथा रसायन के माध्यम से मानसिक तनाव को कम करने के लिए परामर्श एवं स्वास्थ्य जागरूकता प्रदान की गई।


डॉ. मिश्रा ने बताया कि इन शिविरों में आवश्यक सहयोग के लिए आयुष विभाग के आयुष्मान आरोग्य मंदिर के चिकित्सा अधिकारियों, फार्मासिस्ट, योग प्रशिक्षकों, बहुउद्देशीय कार्यकर्ताओं, आयुष महाविद्यालयों के छात्र/छात्राओं एवं स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को आयोजन को सफल बनाने में अपना योगदान दिया। बढ़ती उम्र में स्वस्थ रहने के लिए नियमित शारीरिक व्यायाम, संतुलित आहार और तनाव प्रबंधन हेतु प्रोत्साहक स्वास्थ्य देखभाल सेवाएं, जैसा कि आयुष प्रणालियों में विशेष रूप से दिनचर्या (दैनिक दिनचर्या), ऋतुचर्या (मौसमी देखभाल व्यवस्था), सहृत्त (अच्छा आचरण), योग, और अधारणीय वेग (गैर-दमनीय प्राकृतिक आग्रह) के बारे में जानकारी भी प्रदान गई। शिविरों में प्रारंभिक चिकित्सीय जांच उपरांत आगे की जांच और उपचार जैसे पंचकर्म/थोक्कानम थेरेपी/ इलाज-बिद तदबीर और क्षारसूत्र द्वारा पुरानी और अक्षम करने वाली बीमारियों के प्रबंधन के लिए आयुष औषधालयों/आयुष्मान आरोग्य मंदिर (आयुष)/आयुष अस्पतालों/आयुष शिक्षण अस्पतालों में रेफरल संबंधी जानकारी से शिविर में आए व्यक्तियों को जागरूक किया गया। सभी रोगियों की देखभाल की निरंतरता को आवश्यकतानुसार सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र या जिला अस्पताल सहित उच्चतर केंद्रों पर रेफर करके तथा प्रथम स्तर की स्वास्थ्य सुविधा के लिए रिवर्स रेफरल के माध्यम से सुनिश्चित करने हेतु आवश्यक दिशा निर्देश प्रदान किए गए।

Share on Google Plus

click newsroom

    Blogger Comment
    Facebook Comment

0 comments:

Post a Comment