मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने 78वें स्वतंत्रता दिवस की सभी प्रदेशवासियों को हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं देते हुए कहा कि आज भारत माता को स्वतंत्र कराने के लिए अपनी जान न्यौछावर करने वाले वीरों, राष्ट्रभक्तों और स्वतंत्रता सेनानियों का पुण्य-स्मरण करने का दिन है। प्रशासन जनोन्मुखी हो, नागरिक विकास और सामाजिक सद्भाव में भागीदार बनें, गरीबों के कल्याण की योजनाएं अंतिम पंक्ति के अंतिम व्यक्ति तक पहुंचे ऐसी पुख्ता व्यवस्था करने के लिए हमारी सरकार कटिबद्ध है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देश विश्व की पांचवीं अर्थव्यवस्था बनने के सफर को तय कर तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की ओर तेजी से आगे बढ़ रहा है। मध्यप्रदेश, प्रधानमंत्री मोदी के संकल्पों की सिद्धि में अपना योगदान देने के लिए प्रतिबद्ध है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव लाल परेड ग्राउण्ड भोपाल पर स्वतंत्रता दिवस समारोह में प्रदेशवासियों को संबोधित कर रहे थे।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने 78वें स्वतंत्रता दिवस समारोह के अवसर पर लाल परेड ग्राउण्ड में ध्वजारोहण के बाद निरीक्षण वाहन से परेड का अवलोकन कर सलामी ली। परेड के सशस्त्र दलों ने तीन चरणों में हर्ष फायर किया। पुलिस बैंड ने राष्ट्रगान जन-गण-मन की धुन के साथ अन्य देशभक्ति के गीतों की धूनें प्रस्तुत की। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने पदक अलंकरण समारोह में पुलिस अधिकारी और कर्मियों को उत्कृष्ट सेवा, सराहनीय सेवा और वीरता के लिए सम्मानित किया।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने देश के विकास में 4 वर्गों यथा युवा, महिला, किसान और गरीब को आधार स्तम्भ के रूप में परिभाषित किया है। मध्यप्रदेश सरकार प्रधानमंत्री मोदी के विचारों से प्रेरणा लेकर चार मिशन, युवा शक्ति, गरीब कल्याण, किसान कल्याण और नारी सशक्तिकरण मिशन बनाकर काम करने जा रही है। मध्यप्रदेश के स्थापना दिवस आगामी एक नवम्बर से यह मिशन अपना काम प्रारंभ करेंगे। युवा शक्ति मिशन में शिक्षा, कौशल विकास, रोज़गार, उद्यमिता, नेतृत्व विकास, सांस्कृतिक और सामाजिक विकास की कार्य योजना तैयार कर मिशन मोड में कार्य किया जाएगा। गरीब कल्याण मिशन में स्व-रोज़गार योजनाएँ, सामाजिक सुरक्षा योजनाएँ, आवास, शिक्षा और स्वास्थ्य की सुविधा आदि की दिशा में कार्य करेगा। नारी सशक्तिकरण मिशन के तहत बालिका शिक्षा, लाड़ली, लक्ष्मी योजना, लाड़ली बहना योजना, लखपति दीदी योजना, महिला स्व-सहायता समूहों के सशक्तिकरण आदि कार्य सर्वोच्च प्राथमिकता से किए जाएंगे। किसान कल्याण मिशन में सरकार कृषि एवं उद्यानिकी को लाभ का व्यवसाय बनाने की दिशा में कार्य करेगी। किसानों को राहत प्रदान करने के साथ एवं कृषि की पैदावार बढ़ाने की दिशा में ठोस प्रयास किए जाएंगे।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि मध्यप्रदेश का बजट अगले पांच वर्ष में दो गुना करने की दिशा में सरकार काम कर रही है। वित्तीय वर्ष 2023-24 में पूँजीगत व्यय 60 हजार 689 करोड़ रुपये किया गया। वर्ष 2022-23 की तुलना में यह वृद्धि लगभग 29 प्रतिशत है। वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए पूँजीगत व्यय का लक्ष्य 64 हजार 738 करोड़ रुपये रखा गया है।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि युवाओं को सिर्फ पारंपरिक शिक्षा तक सीमित नहीं रहना है, बल्कि ए.आई., मशीन लर्निंग और कोडिंग जैसी नवीन तकनीकों की भी शिक्षा प्राप्त करनी है। इसके लिए उच्च शिक्षा में 485 करोड़ रुपये का निवेश किया गया है। प्रदेश के 55 जिलों के एक-एक महाविद्यालयों को पीएम कॉलेज ऑफ एक्सीलेंस में परिवर्तित किया गया है। कौशल विकास को राज्य शासन ने प्राथमिकता पर रखा है। मुख्यमंत्री सीखो-कमाओं योजना में 8 हजार प्रशिक्षणार्थियों को 6 करोड़ 60 लाख रुपये का स्टायपेंड प्रदान किया गया है। नवाचार और उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए प्रमुख विद्यालयों में इन्क्यूवेशन केन्द्र स्थापित किए गए हैं। राज्य में 10 हजार करोड़ रुपये की लागत से 60 से अधिक नई औद्योगिक इकाइयों की स्थापना की जा रही है। इसमें 17 हजार से अधिक रोजगार के अवसर सृजित होंगे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि सरकारी नौकरियों के रिक्त पदों को भरने के लिए तेजी से कार्य किया गया है। विगत 8 महीनों में शासकीय नौकरियों में 11 हजार से अधिक नियुक्ति पत्र जारी किए गए हैं।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रदेश में 1 करोड़ 67 लाख से अधिक पंजीकृत असंगठित श्रमिकों को मुख्यमंत्री जन-कल्याण संबल योजना का लाभ मिल रहा है। इसके लिए इस वर्ष 600 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। योजना के दूसरे चरण में 30 हजार 500 से अधिक श्रमिक परिवारों को 670 करोड़ रुपये से अधिक की अनुग्रह सहायता राशि का अंतरण किया गया। प्रदेश सरकार ने इन्दौर की हुकुमचंद मिल के 4 हजार 800 श्रमिक परिवारों को 224 करोड़ रुपये की राशि का भुगतान किया गया। प्रधानमंत्री शहरी आवास योजना में प्रदेश के 7 लाख 50 हजार हितग्राहियों को लाभान्वित किया गया है। प्रधानमंत्री आवास योजना में ग्रामीण क्षेत्रों में लगभग 7 लाख मकानों का निर्माण कर दिया गया है। हर महीने 117 लाख पात्र परिवारों को नि:शुल्क अनाज प्रदान किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रदेश सरकार ने मुख्यमंत्री कन्या विवाह और निकाह सहायता योजना में वर्ष 2023-24 में 62 हजार 583 कन्याओं को विवाह के लिए सहायता राशि दी है। लाड़ली बहना योजना अंतर्गत एक करोड़ 29 लाख बहनों के खाते में विगत आठ माह में 12 हजार करोड़ रुपये से अधिक की राशि अंतरित की जा चुकी है। इस वर्ष रक्षाबंधन पर हर लाड़ली बहना के खाते में 250 रुपये की अतिरिक्त राशि जारी की गई है। महिला स्व-सहायता समूहों को सुदृढ़ कर महिलाओं के आर्थिक विकास को बढ़ावा दिया जा रहा है। देश में प्रधानमंत्री मातृ-वंदना योजना में प्रदेश प्रथम स्थान पर है। इस योजना में 2017 से 2024 तक 41 लाख 70 हजार बहनों को 1 हजार 150 करोड़ रुपये की राशि दी गई। प्रदेश की लगभग 90 लाख बहनों को उज्ज्वला गैस कनेक्शन दिए गए हैं। प्रदेश की 45 लाख 89 हजार बहनों के खाते में 450 रुपये में गैस सिलेण्डर की रीफिलिंग के लिए 118 करोड़ रुपये की राशि अंतरित की गई। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रदेश में महिला-पुरुष के अनुपात में सुधार हो रहा है। यह अनुपात प्रति एक हजार पुरुषों पर 927 महिलाओं से बढ़कर 956 हो गया है।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि जनजातीय वर्ग के समग्र विकास और कल्याण के लिए इस वित्तीय वर्ष में 40 हजार 804 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है, यह पिछले बजट की तुलना में 23.4 प्रतिशत अधिक है। तेन्दूपत्ता संग्रहकों का मानदेय 3 हजार रुपये प्रति बोरा से बढ़ाकर 4 हजार रुपये कर दिया गया है। इसका सीधा लाभ लगभग 35 लाख संग्रहकों को हो रहा है। छात्रावासों के विद्यार्थियों की समस्याओं के निराकरण और मार्गदर्शन के लिए मित्र हेल्पलाइन आरंभ की गई है। साथ ही छात्रावासों में विद्यार्थियों को कम्प्यूटर शिक्षा भी उपलब्ध कराई जा रही है। उन्होंने कहा कि हर गरीब और कमजोर व्यक्ति को समृद्धि और सुरक्षा की ओर ले जाना हमारा संकल्प है। योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए भी तत्परता से कार्य किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि और मुख्यमंत्री किसान कल्याण योजना के तहत अब तक 80 लाख से अधिक किसान भाइयों के खाते में 1 हजार 643 करोड़ रुपये अंतरित किए गए। सरकार ने फसलों के उर्पाजन और मंडियों की व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए भी कई कदम उठाएं हैं। मिट्टी परीक्षण में कृषि स्नातक युवाओं के साथ पार्टनरशिप में कार्य करने की नीति बनाई गई है। कृषि प्र-संस्करण उद्योगों का जाल बिछाकर स्थानीय स्तर पर ही कृषि उपज का मूल्य संवर्धन करने की दिशा में तेजी से काम किया जा रहा है। श्रीअन्न उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए लागू रानी दुर्गावती श्रीअन्न प्रोत्साहन योजना के अंतर्गत किसानों को प्रति क्विंटल 1 हजार रुपये की विशेष प्रोत्साहन राशि दी जा रही है। संभाग स्तर पर 10 नर्सरी को हाईटेक बनाने की कार्यवाही जारी है। प्रदेश के 40 लाख किसानों को क्रेडिट कार्ड प्रदान किए गए हैं। प्रदेश में वर्ष 2028-29 तक सिंचाई क्षमता 1 करोड़ हेक्टेयर तक बढ़ाने का लक्ष्य है। केन-बेतवा लिंक परियोजना और पार्वती-कालीसिंध-चंबल लिंक परियोजना पर भी कार्य किया जा रहा है। साथ ही पशुपालकों को बिचौलियों के शोषण से मुक्ति दिलाने के लिए 2024-25 में मुख्यमंत्री सहकारी दुग्ध उत्पादक प्रोत्साहन योजना में 150 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। प्रदेश में चैत्र माह से अगले वर्ष तक गौ-वंश रक्षा वर्ष मनाया जा रहा है।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रदेश की उपलब्ध विद्युत क्षमता 22 हजार 823 मेगावाट है। गैर-कृषि उपभोक्ताओं को लगभग 24 घंटे और कृषि उपभोक्ताओं को लगभग 10 घंटे प्रतिदिन विद्युत प्रदाय की जा रही है। अटल कृषि ज्योति और अटल गृह ज्योति योजना में उपभोक्ताओं को लाभ दिया जा रहा है। प्रदेश की नवकरणीय ऊर्जा क्षमता बढ़कर 6 हजार 444 मेगावाट हो गई है। प्रदेश के 71 लाख से अधिक ग्रामीण परिवारों को जल जीवन मिशन के अंतर्गत घर में जल प्रदाय की सुविधा प्रदान की गई है।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रदेश के औद्योगिक विकास की ठोस पहल के रूप में रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव की श्रृंखला आरंभ की गई है। प्रदेश में 31 नए औद्योगिक क्षेत्र को 9 हजार 800 एकड़ भूमि प्रदान की जा रही है। उज्जैन में मेडिकल डिवाइज पार्क, मुरैना में मेगा लेदर पार्क, धार में पीएम मित्रा इंटीग्रेटेड मेगा टेक्सटाईल पार्क सहित प्रदेश में मल्टी मॉडल लॉजिस्टिक पार्क के विकास के लिए पहल हुई है। भविष्य में प्रदेश में हीरा तराशने का कार्य भी किया जाएगा। नदियों से प्राकृतिक रेत की निर्भरता कम कर पत्थर से निर्मित रेत को प्रोत्साहित किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि शिक्षा की गुणवत्ता और व्यवस्था को सर्वसुविधायुक्त व सुदृढ़ बनाने के लिए पीएमश्री योजना के अंतर्गत प्रदेश में 416 विद्यालय संचालित हैं। साथ ही प्रथम चरण में 275 सीएम राइज स्कूल संचालित हो रहे हैं। मध्यप्रदेश उच्च शिक्षा के सकल नामांकन अनुपात में राष्ट्रीय औसत से आगे निकल गया है। भारतीय संस्कृति के अनुरूप विश्वविद्यालय के कुलपति पद को अब कुलगुरु नाम दिया गया है। मध्यप्रदेश नई राष्ट्रीय नीति के क्रियान्वयन में भी अग्रणी रहा है। मुख्यमंत्री मेधावी विद्यार्थी योजना में इस वर्ष 61 हजार 629 मेधावी विद्यार्थियों को 450 करोड़ रुपये की राशि उपलब्ध कराई गई है।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रदेश में चिकित्सा व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए आगामी दो वर्ष में लगभग 25 हजार पदों को भरने की योजना है। प्रदेश में सिकल सेल एनीमिया की रोकथाम और बचाव के लिए सभी आदिवासी बहुल जिलों में जांच की व्यवस्था की जा रही है। प्रत्येक जिला अस्पताल में आयुष विंग बनाया जा रहा है। प्रदेश में प्रत्येक जिला अस्पताल में आगामी 17 सितम्बर को प्रधानमंत्री श्री मोदी के जन्म दिवस पर रेडक्रॉस से जन आरोग्य केन्द्र आरंभ किए जा रहे हैं।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि पीएमश्री पर्यटन वायु सेवा आरंभ कर प्रदेश के 8 शहरों भोपाल, इन्दौर, जबलपुर, रीवा, उज्जैन, ग्वालियर, सिंगरौली और खजुराहो को वायु सेवा से जोड़ा गया है। पीएमश्री धार्मिक पर्यटन हेली सेवा का संचालन भी आरंभ किया गया है। भगवान श्रीकृष्ण के चरण प्रदेश के जिन-जिन स्थानों पर पड़े थे उन स्थानों के विकास के लिए श्रीकृष्ण पाथेय योजना की कार्य योजना बनाने का कार्य प्रगति स्तर पर है। श्रीराम वन गमन पथ के विकास के लिए चित्रकूट, पन्ना, सतना, अमरकंटक आदि स्थानों पर अनेक कार्य किए जा रहे हैं। वीर भारत संग्रहालय स्थापित कर भारतीय सभ्यता के संरक्षकों के योगदान को सहेजा जाएगा। इस वर्ष वीरांगना रानी दुर्गावती का 500वां जयंती उत्सव और देवी अहिल्या बाई का 300वां जयंती उत्सव विभिन्न सांस्कृतिक गतिविधियों के माध्यम से संपूर्ण प्रदेश में धूमधाम से मनाया जाएगा। मुख्यमंत्री तीर्थदर्शन योजना में इस वर्ष हवाई जहाज से तीर्थ यात्रा की शुरुआत हुई है।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रदेश में 15 अगस्त से ई-संपदा 2.0 सॉफ्टवेयर लागू किया जा रहा है, जिसके माध्यम से रजिस्ट्री पूर्णत: डिजीटल प्रक्रिया से होगी। प्रदेश में नगरों में बेहतर नागरिक सुविधाएं प्रदान की जा रही हैं। भोपाल, इन्दौर, ग्वालियर और जबलपुर में मेट्रोपॉलिटिन सिटी बनाई जाएगी। कानून और व्यवस्था की स्थिति को अधिक सुदृढ़ करने के लिए प्रदेश में पुलिस थानों की सीमाओं को पुनर्निर्धारण का ऐतिहासिक कार्य हुआ है। प्रदेश में 627 पुलिस थानों की सीमाएं फिर से तय की गईं हैं। इससे 2 हजार 200 से गांवों को लाभ मिला है। सुशासन के उद्देश्य से परिवहन जांच चौकियों के स्थान पर वाहन चैंकिंग की नवीन व्यवस्था लागू की गई है। अब राज्य सरकार संभागीय और जिलास्तर पर भी चालक प्रशिक्षण केन्द्र प्रारंभ होंगे। प्रदेश में लोक सेवा गारंटी अधिनियम के तहत 741 अधिसूचित सेवाओं का लाभ नागरिकों को समय-सीमा में मिल रहा है। इस व्यवस्था के तहत अब तक 10 करोड़ से अधिक आवेदनों का निराकरण किया जा चुका है।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि आजादी के वर्षगांठ का दिन सच्चे अर्थों में आजादी के फल को नागरिकों तक पहुंचाने के लिए दृढ़ संकल्पित होने का दिन है। मध्यप्रदेश ने पिछले वर्षों में प्रगति और विकास की यात्रा में तेजी से कदम बढ़ाएं हैं, हमें अब इस यात्रा को निरंतरता देना है। प्रदेशवासियों की तरक्की और खुशहाली को देश- दुनिया के सामने मिसाल बनाना है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कामना की कि मध्यप्रदेश समृद्ध-साक्षर- सशक्त हो और शांति का टापू हमारा प्रदेश सबसे अग्रणी बनें।
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