कामांधता से समाज में बढ़ रही अनुशासनहीनता, काम की प्रबलता में भले-बुरे का ज्ञान नहीं रख रहे
कामांधता से समाज के अन्दर अनुशासनहीनता बढ़ती जा रही है। काम की प्रबलता में भले-बुरे का ज्ञान नहीं रख रहे हैं। भागवत कथा के एक प्रसंग के दौरान उदयपुर से आए कथावाचक पुष्करदास महाराज ने काम, क्रोध, लोभ और मोह को विध्वंसक व नरक की जननी बताया। जो मनुष्य इन दुव्र्यसनों पर नियंत्रण नहीं रख पाता उसका विनाश अटल व निश्चित है। कथावाचक पुष्करदास ने अपने मुखारविंद से श्रीमद्भागवत महिमा का रसास्वादन कराकर श्रद्धालु भक्तों को परम ज्ञान की अनवरत धाराओं से अभिसिंचित किया। श्री रामदेव मरुधर सेवा संघ हुब्बल्ली के तत्वावधान में आयोजित कथा के दौरान उन्होंने कहा कि काम, क्रोध, लोभ, मोह रूपी राक्षसों ने अड्डा जमा रखा है। हमें दूसरों को देखकर अन्दर ही अन्दर जो तकलीफ होती हैं, वही ईष्र्या है। ईष्र्या करने वाला कभी सुखी नहीं रह सकता है।
कथा के साथ जीवन को जोड़ें
शनिवार को यहां गब्बुर गली स्थित श्री रामदेव मंदिर परिसर में 15 दिवसीय श्रीमद्भागवत, रामायण एवं नानी बाई का मायरा के चौथे दिन कथा का श्रवण कराते हुए उन्होंने कहा कि जहां सुमति हैं वहां सब प्रकार की संपति है और जहां कुमति हैं वहां सब प्रकार की परेशानी है। भगवान का दर्शन भी करो तो नख से शिखा तक करो। हम कथा के साथ जीवन को जोड़कर देखें।
श्री राधे गोविन्द भज मन…
कथा के दौरान श्रीरामचन्द्र कृपालु भज मन हरण… की स्तुति सुनाई। श्री राधे गोविन्द भज मन श्री राधे…. का गुणगान किया गया। श्री रामदेव मरुधर सेवा संघ हुब्बल्ली के अध्यक्ष उदाराम प्रजापत एवं सचिव मालाराम देवासी ने बताया कि कथा 4 सितम्बर तक चलेगी। चातुर्मास के पावन पर्व पर आयोजित कथा प्रतिदिन सुबह 9 बजे से सुबह11 बजे तक चल रही है। शहर के विभिन्न इलाकों से भक्तगण कथा में शामिल हो रहे हैं।
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