प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यूक्रेन के राष्ट्रपति व्लादिमीर ज़ेलेंस्की से मरिंस्की पैलेस में द्विपक्षीय वार्ता के लिए मुलाकात की। पीएम मोदी पैलेस पहुंचने पर ज़ेलेंस्की से गर्मजोशी से गले मिले और पैलेस में मौजूद विभिन्न यूक्रेनी प्रतिनिधियों से हाथ भी मिलाया। पीएम मोदी के साथ विदेश मंत्री एस जयशंकर, एनएस अजीत डोभाल और अन्य लोग भी थे। प्रधानमंत्री मोदी और यूक्रेनी राष्ट्रपति ज़ेलेंस्की ने कीव के मरिंस्की पैलेस में प्रतिनिधिमंडल स्तर की बैठक की और दोनों देशों के बीच सहमति पत्रों का आदान-प्रदान किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कीव में यूक्रेनी राष्ट्रपति व्लादिमीर ज़ेलेंस्की को चिकित्सा सहायता का BHISHM क्यूब सौंपा।
राष्ट्रपति ज़ेलेंस्की के साथ बैठक के दौरान पीएम मोदी ने एक मित्र के रूप में ज़ेलेंस्की को आश्वस्त किया। और कहा कि मैं आपको विश्वास दिलाता हूं कि मानवीय दृष्टिकोण से जो भी जरूरत होगी, उसके लिए भारत हमेशा आपके साथ खड़ा रहेगा और दो कदम आगे रहेगा। उन्होंने कहा कि किसी भी समस्या का समाधान कभी भी रणभूमि में नहीं होता है। समाधान केवल बातचीत, संवाद और कूटनीति के माध्यम से होता है और हमें बिना समय बर्बाद किए उस दिशा में आगे बढ़ना चाहिए। दोनों पक्षों को एक साथ बैठना चाहिए और इस संकट से बाहर आने के रास्ते तलाशने होंगे।
यूक्रेन के राष्ट्रपति से बातचीत के वक्त प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “आज मैं यूक्रेन में 140 करोड़ भारतीयों की भावनाएं लेकर आया हूं, 140 करोड़ भारतीयों की भावनाएं मानवता से प्रेरित हैं, आज मैं यूक्रेन की धरती पर शांति का संदेश लेकर आया हूं।” उन्होंने कहा, “हमने जो दूसरा रास्ता चुना है, वह युद्ध से दूर रहना है, हम बहुत दृढ़ता से युद्ध से दूर रहे हैं लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि हम तटस्थ नहीं थे, हम पहले दिन से ही पक्षकार रहे हैं और हमारा पक्ष है शांति, हम बुद्ध की भूमि से आते हैं, जहां युद्ध के लिए कोई जगह नहीं है, हम महात्मा गांधी की भूमि से आते हैं जिन्होंने पूरी दुनिया को शांति का संदेश दिया।”
पीएम मोदी ने कहा कि भारत और यूक्रेन के संबंधों के लिए बहुत ऐतिहासिक दिन है, भारत का कोई प्रधानमंत्री पहली बार यूक्रेन आया है जो अपने आप में एक ऐतिहासिक घटना है। हम यूक्रेन में शांति, सुख और समृद्धि के लिए प्रार्थना करते हैं। पीएम मोदी ने यूक्रेन के राष्ट्रपति से कहा कि जब युद्ध के शुरुआती दिन थे, तब आपने भारतीय नागरिकों और छात्रों को निकालने में मदद की थी। मैं संकट के इस समय में आपकी मदद के लिए आपका आभार व्यक्त करता हूं। दुनिया अच्छी तरह जानती है कि युद्ध के दौरान हमने दो भूमिकाएं निभाई थीं। पहली भूमिका मानवीय दृष्टिकोण की थी।
प्रधानमंत्री मोदी ने ज़ेलेंस्की से कहा कि आप और यूक्रेन के लोग भी जानते हैं कि भारत का शांति प्रयासों में सक्रिय योगदान रहा है और आप भी जानते हैं कि हमारा दृष्टिकोण लोगों पर केंद्रित रहा है। मैं आपको और पूरे विश्व समुदाय को विश्वास दिलाना चाहता हूं कि यह भारत की प्रतिबद्धता है और हम मानते हैं कि संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान हमारे लिए सर्वोपरि है और हम इसका समर्थन करते हैं। कुछ समय पहले, जब मैं इसके समर्थन में राष्ट्रपति पुतिन से मिला था, तो मैंने उनसे कहा था कि यह युद्ध का समय नहीं है। पिछले दिनों, जब मैं एक बैठक के लिए रूस गया था, तो मैंने वहां भी स्पष्ट शब्दों में कहा था कि किसी भी समस्या का समाधान कभी भी रणभूमि में नहीं होता है। समाधान केवल बातचीत, संवाद और कूटनीति के माध्यम से होता है और हमें बिना समय बर्बाद किए उस दिशा में आगे बढ़ना चाहिए। दोनों पक्षों को एक साथ बैठना चाहिए और इस संकट से बाहर आने के रास्ते तलाशने होंगे।
यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की ने कहा है कि भारत, यूक्रेन और रूस के बीच संघर्ष समाप्त करने में वैश्विक राजनयिक प्रयासों के तहत महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। जेलेंस्की का यह बयान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की यूक्रेन की पहली यात्रा के बाद आया है। यूक्रेन के राष्ट्रपति ने भारत की मेजबानी में ग्लोबल साउथ देशों के दूसरे यूक्रेन शांति शिखर सम्मेलन के आयोजन का भी प्रस्ताव दिया। पहला यूक्रेन शांति शिखर सम्मेलन जून में स्विट्जरलैंड में आयोजित किया गया था। इसमें 90 से अधिक देशों और वैश्विक संस्थानों ने भाग लिया था। भारत ने कहा कि वो यूक्रेन संघर्ष के शांतिपूर्ण समाधान के लिए सभी पक्षों के साथ बातचीत करता रहेगा। 9 घंटे की यूक्रेन की इस यात्रा से लगभग छह सप्ताह पहले ही प्रधानमंत्री मोदी ने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ भी शिखर वार्ता की थी। प्रधानमंत्री ने देशों की क्षेत्रीय अखंडता और संप्रभुता के सम्मान के लिए भारत की प्रतिबद्धता दोहराई। जेलेंस्की ने कहा कि भारत यूक्रेन की राष्ट्रीय अखंडता और संप्रभुता का समर्थन करता है और ये महत्वपूर्ण है कि विश्व में प्रत्येक व्यक्ति को संयुक्त राष्ट्र के चार्टर का समान रूप से सम्मान करना चाहिए।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा है कि यूक्रेन दौरा ऐतिहासिक था। एक सोशल मीडिया पोस्ट में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि वह दोनों देशों की मित्रता को बढाने के उद्देश्य से आये हैं। उन्होंने कहा कि यूक्रेन के राष्ट्रपति ज़ेलेंस्की के साथ सार्थक बातचीत हुई। भारत का दृढ़ विश्वास है कि शांति हमेशा बनी रहनी चाहिए। प्रधानमंत्री ने यूक्रेन की सरकार और लोगों को उनके आतिथ्य के लिए धन्यवाद दिया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी यूक्रेन यात्रा के बीच विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा कि पीएम मोदी ने यूक्रेनी राष्ट्रपति व्लादिमीर ज़ेलेंस्की को भारत आने का निमंत्रण दिया है। जयशंकर ने यूक्रेन को भारत द्वारा दी गई मानवीय सहायता के बारे में भी बात की। रूस-यूक्रेन युद्ध पर प्रधानमंत्री मोदी के संदेश पर विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने कहा कि भारत का मानना है कि दोनों पक्षों को समाधान खोजने के लिए एक-दूसरे के साथ मिलकर काम करना चाहिए।
यूक्रेन की राजधानी कीव में एक प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए एस जयशंकर ने कहा, “1992 में राजनयिक संबंधों की स्थापना के बाद से यह पहली बार है जब कोई भारतीय प्रधानमंत्री यूक्रेन की यात्रा पर आए है और ऐसे अवसर पर इस तरह का निमंत्रण देना स्वाभाविक है, जैसा उन्होंने इस मामले में किया।इसलिए हम उम्मीद करते हैं कि अपनी सुविधा के अनुसार राष्ट्रपति जेलेंस्की भारत का दौरा करेंगे।”
विदेश मंत्री जयशंकर ने यूक्रेन को भारत द्वारा प्रदान की गई मानवीय सहायता के बारे में भी बात की और कहा, “अतीत में, हम यूक्रेन को मानवीय सहायता प्रदान करते रहे हैं, और मुझे लगता है कि, अब तक यूक्रेन को 17 खेपें पहुंचाई गई हैं, जो मुख्य रूप से चिकित्सा संबंधी हैं।”
उन्होंने मीडिया को बताया कि भारत ने यूक्रेन को चिकित्सा सहायता के भीष्म (BHISHM) क्यूब सौंपे। इनमें चिकित्सा सहायता उपकरण हैं जो बहुत प्रभावी, कॉम्पैक्ट और कई तरीकों से इस्तेमाल किए जा सकने वाले हैं। कुल 22 टन वजन वाले ये क्यूब आज सौंपे गए।
वहीं, रूस-यूक्रेन युद्ध पर प्रधानमंत्री मोदी के संदेश पर विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने कहा कि भारत का मानना है कि दोनों पक्षों को समाधान खोजने के लिए एक-दूसरे के साथ मिलकर काम करना चाहिए।
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