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स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के संघर्षों के सम्मान के लिए जागृति जगाने निकला युवा

 


2023 में लाल किले के प्राचीर से प्रधानमंत्री ने भाषण में जब बोला " दुनिया में जो-जो देश संकटों को पार करके निकले हैं, उनमें हर चीज के साथ-साथ एक महत्‍वपूर्ण कैटेलिक एजेंट रहा है, वो राष्‍ट्रीय चरित्र रहा है। और हमें राष्‍ट्रीय चरित्र के लिए और बल देते हुए हमें आगे बढ़ना होगा। हमारा देश, हमारा राष्‍ट्रीय चरित्र ओजस्‍वी हो, तेजस्‍वी हो, पुरुषार्थी हो, पराक्रमी हो, प्रखर हो; ये हम सबका सामूहिक दायित्‍व है।" इन शब्दों को सुनकर मध्य प्रदेश के धरती में जन्मा, मां नर्मदा की गोद में खेला स्वतंत्रा संग्राम सेनानी के पोते आशीष भार्गव ने प्रेरणा ली ओर निकल पड़े। स्वतंत्रा संग्राम के वीरों की गाथा खोजने, आशीष अब तक मिल रहे जन समर्थन प्रयासों से गाँव चीचली शाहंगज जिला सीहोर मध्यप्रदेश के स्वंत्रता संग्राम सेनानी जमना प्रसाद भार्गव जी चच्चा, घासीराम तिवारी ,  सुंदरलाल जी गौतम ,  दीवान प्रसाद द्विवेदी ,  मेघराज जैन,  फूलचंद रोकड़िया ,  मंगल प्रसाद दुबे ,  हुकुम ठाकुर  के आजादी के आंदोलन में योगदान की गाथा और आजादी के बाद के जीवन के संघर्ष को युवाओं तक पहुंचाने के लिए यात्रा आरंभ कर चुके है उनकी यात्रा का प्रथम पड़ाव ग्राम चीचली, शाहगंज जिला सीहोर में महान विभूतियों की मूर्ति स्थापना के साथ पूरा होने जा रहा है।


आशीष भार्गव ने कहते है इन विभूतियों का योगदान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रेरणा से राष्ट्र प्रथम की भावना के साथ वीर विभूतियों के बलिदानों, त्याग, संघर्ष को सम्मान दिलाने के उद्देश से जन सहयोग से मूर्तियां तैयार हुई। भारत के युवाओं को मजबूत व्यक्तिव " विश्व के सबसे श्रेष्ठ राष्ट्र निर्माण में सहयोगी"  तैयार करना और भारत राष्ट्र विश्व गुरु बने ऐसी क्रांति खड़ी करना हमारा लक्ष्य है।

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