सहकारिता, खेल एवं युवा कल्याण मंत्री विश्वास कैलाश सारंग गुरुवार को नरेला विधानसभा के वार्ड 78 एवं 59 में आयोजित नरेला रक्षाबंधन उत्सव में सम्मिलित हुए। अभियान का दूसरा दिन मंत्री सारंग ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के 'एक पेड़ माँ के नाम' अभियान को समर्पित किया। विश्व के सबसे बड़े रक्षाबंधन उत्सव के दूसरे दिन 21 हजार बहनों ने मंत्री सारंग को रक्षा सूत्र बांधा। इस मौके पर मंत्री सारंग ने बहनों को एक-एक पौधा भेंट करते हुए सभी बहनों को अपने घर-आंगन में माँ के नाम पौधा लगाने की अपील की।
मंत्री सारंग ने नरेला रक्षाबंधन महोत्सव के दूसरे दिन को प्रधानमंत्री मोदी के 'एक पेड़ माँ के नाम' अभियान को समर्पित किया। उन्होंने हज़ारों की संख्या में शामिल हुई बहनों को उपहार स्वरूप एक-एक पौधा भेंट किया। मंत्री सारंग ने कहा कि सभी बहने एक पेड़ माँ के नाम लगाकर उसकी देखरेख व रखरखाव सुनिश्चित करें।
मंत्री सारंग ने बहनों से संवाद करते हुए कहा कि हर वर्ष नरेला विधानसभा में 1 लाख से अधिक संख्या में बहनें उन्हें रक्षा-सूत्र बांधकर स्नेह व आशीर्वाद प्रदान करती हैं। उन्होंने कहा कि नरेला रक्षाबंधन महोत्सव राजनीतिक कार्यक्रम नहीं है, यह नरेला परिवार की लाखों बहनों के अटूट विश्वास का बंधन है। बहनों का यह स्नेह ही उन्हें जनसेवा के लिये शक्ति प्रदान करता है। यही नरेला विधानसभा को 'नरेला परिवार' बनाता है।
रक्षाबंधन महोत्सव के दूसरे दिन नरेला विधानसभा के वार्ड 78 एवं 59 में आयोजित समारोह में हज़ारों की संख्या में बहनों ने मंत्री सारंग के दोनों हाथों में रक्षा-सूत्र बांधा। यहाँ मंत्री सारंग ने बहनों पर पुष्पवर्षा की। उन्होंने सभी बहनों को उपहार स्वरूप बटुआ और आरती संग्रह भी भेंट किया। समारोह में बहनों के लिये भोजन की भी व्यवस्था की गई थी।
नरेला विधानसभा का सबसे भव्य रक्षाबंधन उत्सव 29 अगस्त तक चलेगा। पिछले वर्ष इस महोत्सव में विश्व रिकॉर्ड दर्ज करते हुए मंत्री श्री सारंग ने 1 लाख 41 हज़ार से अधिक बहनों से राखी बंधवाई थी। वहीं महोत्सव के प्रति बहनों के उत्साह को देखते हुए इसबार पिछले वर्ष का रिकॉर्ड टूटने की प्रबल संभावना जताई जा रही है।
रविवार 25 अगस्त को नरेला विधानसभा अंतर्गत वार्ड 36 हबीबिया स्कूल, वार्ड 70 वार्ड कार्यालय एवं वार्ड 79 करोंद चौराहे पर रक्षाबंधन महोत्सव का आयोजन किया गया है। यहां भी हज़ारों की संख्या में बहनें भैया विश्वास को रक्षासूत्र बांधने पहुंचेंगी।
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