रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और जापान के रक्षा मंत्री किहारा मिनोरू ने कल नई दिल्ली में भारत-जापान 2+2 मंत्रिस्तरीय वार्ता के दौरान द्विपक्षीय बैठक की। इस बैठक के दौरान रक्षा मंत्रियों ने मौजूदा रक्षा सहयोग गतिविधियों की समीक्षा करने सहित सहयोग को और अधिक बढ़ाने के तरीकों पर चर्चा की।
दोनों मंत्रियों ने भारत-जापान विशेष रणनीतिक और वैश्विक साझेदारी के रक्षा व सुरक्षा विषयों की समीक्षा की। इसके अलावा आपसी द्विपक्षीय संबंधों को सुदृढ़ करने और क्षेत्रीय शांति में योगदान देने को लेकर अपनी प्रतिबद्धता की फिर से पुष्टि की।
रक्षा मंत्रियों ने दोनों देशों के बीच रक्षा अभ्यासों और आदान-प्रदानों की बढ़ती विविधता व निरंतरता का स्वागत किया। साथ ही, इन गतिविधियों के विस्तार और जटिलता को बढ़ाने का संकल्प लिया। उन्होंने रक्षा उपकरण और प्रौद्योगिकी सहयोग क्षेत्र के विस्तार को और अधिक व्यापक बनाने सहित महत्वपूर्ण व उभरती प्रौद्योगिकी क्षेत्रों में आपसी सहयोग बढ़ाने को लेकर प्रतिबद्धता व्यक्त की।
दोनों मंत्रियों ने ‘मेक-इन-इंडिया’ पर ध्यान केन्द्रित करते हुए भारत और जापान के बीच औद्योगिक सहयोग के लिए आगे के अवसरों सहित सह-उत्पादन व सह-विकास में साझेदारी को और अधिक बढ़ाने पर चर्चा की।
रक्षा मंत्री ने राजनाथ सिंह ने इस बात को रेखांकित किया कि भारत ने साल 2047 में स्वतंत्रता के 100 वर्ष पूरे होने पर ‘विकसित भारत’ का लक्ष्य रखा है। उन्होंने कहा कि घरेलू रक्षा क्षमताओं का निर्माण इसका अभिन्न अंग है। उन्होंने कहा कि जापान के साथ रक्षा प्रौद्योगिकियों और उद्योग में साझेदारी इस लक्ष्य को प्राप्त करने की कुंजी होगी। दोनों मंत्रियों ने साल 2047 तक भारत के लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए इस साझेदारी के संबंध में एक दृष्टिकोण तैयार करने को लेकर काम करने की प्रतिबद्धता व्यक्त की।
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