केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने कल छत्तीसगढ़ के रायपुर में राज्य में सहकारिता के विस्तार से संबंधित समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की। अमित शाह ने छत्तीसगढ़ के सभी 33 ज़िलों में पानी समिति के रूप में Primary Agriculture Credit Society (PACS) का शुभारंभ भी किया। इस अवसर पर छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय, केन्द्रीय सहकारिता राज्यमंत्री मुरलीधर मोहोल, छत्तीसगढ़ के उपमुख्यमंत्री अरूण साव और केन्द्रीय सहकारिता मंत्रालय के सचिव डॉ. आशीष कुमार भूटानी सहित अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
गृह एवं सहकारिता मंत्री ने ‘एक पेड़ माँ के नाम’ अभियान के तहत "Peepal for People" कार्यक्रम के अंतर्गत वृक्षारोपण और छत्तीसगढ़ सरकार के विभिन्न विकास कार्यो का लोकार्पण भी किया।
सहकारिता समीक्षा बैठक में अपने संबोधन में केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के सहकार से समृद्धि के स्वप्न को साकार करने के लिए देश की हर पंचायत में एक सहकारी समिति के गठन किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार को संपूर्ण जनजातीय विकास के लिए एक नई पब्लिक डेयरी योजना बनानी चाहिए, जो पैक्स, डेयरी और मात्स्यिकी सहकारी संस्था का काम करेगी।
केन्द्रीय सहकारिता मंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ की सभी 2058 PACS ने मॉडल बाय-लॉज़ को अपना लिया है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय सहकारी डेटाबेस का उपयोग छत्तीसगढ़ में Dry Area ढूंढने के लिए करना चाहिए जिससे सहकारिता के विस्तार में मदद मिलेगी। उन्होंने इस बात पर बल दिया कि कम्प्यूटराइज़ेशन होने के साथ ही हर PACS को Common Service Centre (CSC) बना देना चाहिए जिससे PACS द्वारा अनेक गतिविधियों का लाभ ग्रामीण जनता तक पहुंच सके।
अमित शाह ने कहा कि इथेनॉल उत्पादन के लिए NCCF, NAFED और राज्य के बीच अनुबंध होना चाहिए जिससे किसानों को मक्के की खेती के प्रति प्रोत्साहित किया जा सके। उन्होंने कहा कि मक्के की खेती में लागत भी कम है और केन्द्र सरकार द्वारा किसानों का सारा मक्का अच्छे न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदा जा रहा है। शाह ने कहा कि किसानों के कृषि उत्पाद की बिक्री के लिए PACS द्वारा NAFED और NCCF पोर्टल पर शत-प्रतिशत पंजीकरण होना चाहिए।
केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि हर मंडी के हर व्यापारी, PACS और सहकारी संस्था का खाता ज़िला सहकारी बैंक में खोलना अनिवार्य होना चाहिए। छत्तीसगढ़ में 4 सहकारी चीनी मिलें हैं जिनमें से सिर्फ एक मिल में इथेनॉल उत्पादन प्लांट है। शाह ने कहा कि बाकी 3 सहकारी चीनी मिलों में 6 महीने के अंदर Multi-Feed इथेनॉल उत्पादन प्लांट लगाए जाएं, जिससे मक्का और गन्ना आदि से इथेनॉल उत्पादन किया जा सके। उन्होने कहा कि इसमें केन्द्र सरकार मदद करेगी। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में मक्के और दलहन की खेती को बढ़ावा देने की ज़रूरत है और इसके लिए राज्य के कृषि विभाग को पहल करनी चाहिए।
अमित शाह ने कहा कि वर्तमान में छत्तीसगढ़ के 33 ज़िलों में कुल 6 ज़िला सहकारी केन्द्रीय बैंक (DCCB) हैं और निकट भविष्य में राज्य में PACS के विस्तार को ध्यान में रखते हुए कम से कम 4 और DCCB की स्थापना होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ के ग्रामीण और जनजातीय लोगों के आर्थिक विकास के लिए Whole of Government Approach के तहत राज्य सरकार के पशुपालन, कृषि, जनजातीय मामले और सहकारिता विभागों को मिलकर काम करना चाहिए।
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