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मध्यप्रदेश में किये गये निवेश का मिलेगा बेहतर रिटर्न : CM डॉ.मोहन यादव


 बेंगलुरु : मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि अपनी उद्यमशीलता, परिश्रम, व्यवस्थित कार्य पद्धति और मानव मूल्यों को समाहित करते हुए सबको साथ लेकर चलने की क्षमता के परिणाम स्वरुप ही, भारत विश्व में सदियों से सोने की चिड़िया के रूप में विख्यात रहा है। विश्व में हमारी यह पहचान भारत की उद्यमशीलता, बौद्धिकता, कल्पनाशीलता और व्यावसायिक निपुणता की परिचायक है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उपलब्ध संसाधनों और बौद्धिक क्षमता के बल पर देश को विश्व की पहली 5 अर्थव्यवस्थाओं में स्थान दिलाया है, यह प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व और विजन का परिणाम है। इस उपलब्धि में उद्योगपतियों का भी विशेष योगदान है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव बेंगलुरु में आयोजित इन्वेस्ट मध्यप्रदेश : इन्टरेक्टिव सेशन ऑन इन्वेस्टमेंट अर्पोच्यूनिटीज इन मध्यप्रदेश के संवाद-सत्र को संबोधित कर रहे थे।


मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने बैंगलुरू में इन्वेस्ट मध्यप्रदेश के दूसरे दिन इन्टरैक्टिव सेशन का दीप प्रज्जवल और तुलसी के पौधे में जल अर्पित कर शुभारंभ किया। इस अवसर पर मणिपाल समूह के अध्यक्ष मोहनदास पाई, ग्रीनको ग्रुप के अध्यक्ष अनिल चलमाशेट्टी, लैप इंडिया के मुख्य परिचालन एवं प्रौद्योगिकी अधिकारी डॉ. शिववेंकट रमानी साथ थे। मध्य प्रदेश सीआईआई के उपाध्यक्ष एवं प्रबंध संचालक इन्फ़ोबींस लिमिटेड सिद्धार्थ सेठी ने मध्य प्रदेश में निवेश के अवसरों और उद्योगों के लिए अनुकूल वातावरण पर प्रकाश डाला। उद्योगपतियों को राज्य में उद्योग स्थापित करने के लिए निवेश की सुविधाओं की जानकारी देती फिल्म-"एडवांटेज-एमपी" का प्रदर्शन किया गया।


मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि बदलते परिदृश्य में देश के सम्मुख अनुकूल अवसर होने के साथ चुनौतियां भी विद्यमान हैं। अपनी क्षमताओं के आधार पर यह विश्वास है कि हमारा भविष्य उज्ज्वल है। प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में तीसरी बार बनी केन्द्र सरकार के मार्गदर्शन में देश प्रगति के पथ पर निरंतर अग्रसर है। उचित मार्गदर्शन, अद्यतन तकनीक के उपयोग, आगे बढ़ने की इच्छा शक्ति, लगन और परिश्रम के साथ नवीन अनुसंधान की परंपरा के बल पर भारत औद्योगिक केंद्र के रूप में विश्व में अपना स्थान बना रहा है। देश में आरंभ नवीन स्टार्ट-अप भी इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।


मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि भारत में पुरुषार्थ और पराक्रम की परंपरा रही है। शासन व्यवस्था द्वारा सभी को प्रोत्साहन और आर्थिक सुरक्षा प्रदान करने की परंपरा के निर्वहन के प्रतीक स्वरूप ही विक्रम संवत की शुरूआत हुई। भारतीय परंपरा में शासन का स्वरूप सहायता प्रदान करने का रहा है, जो जिस क्षेत्र में आगे बढ़ना चाहता है उसे मदद उपलब्ध कराने से ही उद्यमशीलता आरंभ होती है और व्यक्ति की क्षमता-दक्षता और परिश्रम का लाभ संपूर्ण समाज को मिलता है। भारत में विद्यमान इस व्यवस्था के परिणाम स्वरुप ही भारतीय संस्कृति का विश्व में सदैव मान- सम्मान रहा। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश सरकार द्वारा जो उद्यमी और उद्योग जिस क्षेत्र में आगे बढ़ने के इच्छुक हैं, उन्हें प्रोत्साहन स्वरूप उपयुक्त सहायता व मार्गदर्शन उपलब्ध कराया जा रहा है। इसके परिणाम स्वरूप प्रदेश में सभी सेक्टरों में समान रूप से प्रगति हुई है। सरकार व्यापार-व्यवसाय के लिए आवश्यक व्यवस्थाएं करने के लिए तत्पर है। मध्यप्रदेश उद्योग और निवेश के लिए उद्योगपतियों को आमंत्रित कर रहा है। उद्योगपतियों द्वारा मध्यप्रदेश में किया गया निवेश निश्चित ही अधिकाधिक रिटर्न देगा।


मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि मध्यप्रदेश वर्तमान में सरप्लस एनर्जी स्टेट के रूप में जाना जाता है, ऊर्जा उत्पादन में 23% नवकरणीय ऊर्जा का योगदान है। आईटी, ऊर्जा के साथ ही पर्यटन में भी पर्याप्त संभावनाएं हैं। धार्मिक, स्वास्थ्य, पर्यटन के साथ ही शिक्षा, एमएसएमई, खाद्य प्र-संस्करण के क्षेत्र में पर्याप्त संभावनाएं हैं। कृषि में मध्यप्रदेश का सर्वाधिक ग्रोथ रेट रहा है। देश में गेहूँ के सर्वाधिक उपार्जन के साथ ही मध्यप्रदेश दलहन उत्पादन में भी अग्रणी है। इसके साथ ही उद्यानिकी क्षेत्र में भी प्रदेश ने अल्प समय में बहुत अधिक प्रगति की है। प्रदेश में सभी क्षेत्रों में उद्योग स्थापित करने की पर्याप्त संभावनाएं हैं।


मुख्यमंत्री डॉ. यादव की उपस्थिति में मध्यप्रदेश इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड और इंडिया इलेक्ट्रॉनिक्स सेमीकंडक्टर एसोसिएशन (आईईएसए), टाई ग्लोबल, इलेक्ट्रॉनिक इंडस्टरीज एसोसिएशन ऑफ़ इंडिया (ईएलसीआईएनए)और एसोसिएशन ऑफजियो स्पेशियल इंडस्ट्रीज (एजीआई) के मध्य एमओयू पर हस्ताक्षर भी हुए। आईईएसए, देश में इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम डिजाइन और विनिर्माण क्षेत्र को समर्पित है। टाई ग्लोबल मिशन, सलाह नेटवर्किंग और शिक्षा के माध्यम से उद्यमिता को प्रोत्साहन देने के क्षेत्र में गत 29 वर्षों से विभिन्न देशों में सक्रिय है। इएलसीआईएनए, व्यापार विस्तार और तकनीकी विकास पर सूचना प्रसार को सक्षम करने के लिए वैश्विक तकनीकी संस्थानों और व्यापार सहायता संगठनों के साथ नेटवर्क निर्माण के क्षेत्र में कार्यरत है। एजीआई, उद्योगों को स्थानीय सामग्री और प्रौद्योगिकी के प्रयोग को प्रोत्साहित करने की दिशा में कार्यरत है।


बैंगलुरू में आयोजित इन्वेस्ट-मध्यप्रदेश के इंटरैक्टिव सेशन में आज मध्यप्रदेश को लगभग 3200 करोड़ रुपए के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं। बैंगलुरू में 11 कंपनियों से प्रस्ताव मिले हैं। इन कंपनी में प्रमुख रूप से लेप इंडिया, एजीआई ग्लास पैक, कोका-कोला, पूर्वाषा ग्रुप, मेटेक्नो, थियगाराजन मिल्स, प्रिंट प्वाइंट फॉर्म पैकेजिंग, फीदरलाइट इंडिया, एसआरवी नीट टेक प्राइवेट लिमिटेड, केनेस टेक्नोलॉजी और एसके मिल्स शामिल है। इन कंपनियों द्वारा इलेक्ट्रिकल, मैन्युफैक्चरिंग, फूड प्रोसेसिंग, मेटल सेक्टर, टेक्सटाइल, पैकेजिंग एवं आईटी इत्यादि सेक्टर में निवेश किया जाएगा। इन कंपनियों के आने से राजगढ़, ग्वालियर, उज्जैन, धार (पीथमपुर) और भोपाल के आस-पास के क्षेत्र में लोगों को रोजगार प्राप्त होगा।


इंटरैक्टिव सेशन (संवाद सत्र) में प्रमुख सचिव औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन राघवेंद्र कुमार सिंह ने मध्यप्रदेश में निवेश के अवसरों, प्रचुर संसाधनों, कुशल कार्यबल और अनुकूल औद्योगिक वातावरण पर प्रेजेंटेशन दिया। प्रदेश में आईटी, आईटीईएस, ईएसडीएम सेक्टर में अवसरों पर प्रमुख सचिव विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी संजय दुबे, पर्यटन क्षेत्र में अवसरों पर मध्यप्रदेश पर्यटन बोर्ड की अपर प्रबंध संचालक विदिशा मुखर्जी और मध्यप्रदेश में सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम क्षेत्र में अवसरों पर विभाग के सचिव डॉ. नवनीत कोठारी ने जानकारी दी। इस अवसर पर मध्यप्रदेश में पर्यटन तथा इस क्षेत्र में निवेश की संभावनाओं पर फिल्म का प्रदर्शन भी हुआ।


इंटरैक्टिव सेशन (संवाद सत्र) में लैप इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के शिववेंकट रमानी ने मध्यप्रदेश में औद्योगिक इकाई संचालन के अपने अनुभव साझा किए। लैप इंडिया राजगढ़ जिले के पीलू खेड़ी में वर्ष 2012 से केबल निर्माण के क्षेत्र में सक्रिय है। आईटी, शिक्षा और वित्तीय क्षेत्र में सक्रिय मोहनदास पई ने कहा कि मध्यप्रदेश में पर्याप्त लैंड-बैंक, उद्योग मित्र नीतियां, उपयुक्त अधो संरचना और प्रशिक्षित मानव संसाधन उपलब्ध हैं। निश्चित ही मध्य प्रदेश देश मे औद्योगिक गतिविधियों का केंद्र होगा।


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