माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय के माखनपुरम परिसस बिशनखेड़ी में विश्वविद्यालय का स्थापना दिवस हर्षोल्लास के साथ मनाया गया । प्रथम स्थापना दिवस समारोह में विशेष रुप से विश्वविद्यालय की स्थापना के प्रथम कुलसचिव रहे एवं वर्तमान में इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र नई दिल्ली संस्कृति विभाग भारत सरकार के सदस्य सचिव डॉ. सच्चिदानंद जोशी मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित थे । समारोह की अध्यक्षता कुलगुरु प्रो. डॉ. के.जी.सुरेश ने की।
इस अवसर पर पौधारोपण किया गया एवं कम्प्यूटर अनुप्रयोग विभाग के सभागार श्रीनिवास रामानुजन का शुभारंभ भी किया गया। इसके साथ ही गणेश शंकर विद्यार्थी सभागार में विकल्प, मीडिया मीमांसा, एवं एपीआर के जर्नल का विमोचन भी कुलगुरु प्रो.सुरेश एवं डॉ. जोशी द्वारा किया गया। इसके पूर्व भारत रत्न डॉ. भीमराव आंबेडकर ट्रॉजिट हॉस्टल में बाबा साहेब के छायाचित्र का अनावरण भी किया गया।
गणेश शंकर विद्यार्थी सभागार में आयोजित मुख्य कार्यक्रम में कुलगुरु प्रो. सुरेश ने कहा कि 34 वर्ष की यह यात्रा, संघर्ष की यात्रा रही है । उन्होंने कहा कि जब 1990 में विश्वविद्यालय की स्थापना हुई, तब मात्र दो कमरे थे लेकिन हमारे प्रेरणापुंज दादा माखनलाल की पुण्ययाई से आज विश्वविद्यालय का स्वयं का पचास एकड़ का भव्य माखनपुरम परिसर है । प्रो. सुरेश ने कहा कि हर व्यक्ति का जन्मदिवस होता है, और हमारे विश्वविद्यालय को विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने 16 अगस्त 1990 में विश्वविद्यालय के रूप में मान्यता दी थी, इसलिए आज 16 अगस्त को हम अपना स्थापना दिवस मना रहे हैं । उन्होंने कहा कि आज विश्वविद्यालय के 1600 अध्ययन केंद्र और पांच परिसरों में डेढ़ लाख से अधिक विद्यार्थी अध्ययन कर रहे हैं । कंप्यूटर शिक्षा को गांव गांव तक पहुंचाने की बात करते हुए उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय ने अपने दम पर कई नवाचार किए हैं ।
मुख्य अतिथि डॉ. सच्चिदानंद जोशी ने कहा कि यह भावनात्मक अवसर है । उन्होंने कहा कि माखनलाल चतुर्वेदी विश्वविद्यालय से उनका संबंध नाभि-नाल जैसा है और यह विश्वविद्यालय उनका मायका है । उन्होंने विश्वविद्यालय की स्थापना से लेकर आज तक के अपने कई खट्टे-मीठे अनुभवों को साझा किया । उन्होंने विश्वविद्यालय के समय पर परीक्षा एवं समय पर परिणाम की प्रशंषा की । डॉ.जोशी ने विद्यार्थियों से कहा कि माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय के गौरवशाली इतिहास को अब आपको आगे लेकर जाना है । डॉ सच्चिदानंद जोशी ने विकसित भारत 2047: उत्तर सत्य और मीडिया की भूमिका पर भी सारगर्भित व्याख्यान दिया। उन्होंने कहा की मीडिया के नाम पर बढ़ा चढ़ाकर अनर्गल आख्यान पैदा कर देश में माहौल खराब करने के कुछ लोग प्रयास कर रहे हैं और समाज को इन तत्वों से सावधान रहना चाहिए । इस अवसर पर सांस्कृतिक कार्यक्रमों की भी प्रस्तुति हुई, जिसने सभी का मन मोह लिया । इस अवसर पर बरकतउल्ला विश्वविद्यालय के कुलगुरु प्रो. एस. के. जैन, फीस विनियामक आयोग के अध्यक्ष डॉ. रविंद्र कण्हेरे, बाबा साहब अंबेडकर विश्वविद्यालय, लखनऊ, के पूर्व कुलाधिपति डॉ.बरतुनिया तथा समाजसेवी हेमंत मुक्तिबोध विश्वविद्यालय के कुलसचिव प्रो. डॉ. अविनाश वाजपेयी, सभी विभागों के विभागाध्यक्ष, शिक्षक, अधिकारी, कर्मचारी एवं विद्यार्थी उपस्थित थे ।
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