भारत आज यानी 29 अगस्त को राष्ट्रीय खेल दिवस मना रहा है। हॉकी के दिग्गज मेजर ध्यानचंद की जयंती के उपलक्ष्य में हर साल 29 अगस्त को राष्ट्रीय खेल दिवस मनाया जाता है। यूं तो भारत में खेलों को लेकर रुचि शुरू से ही रही है तथा देश के कोने – कोने से खेल जगत में प्रतिभाएं उभरकर सामने आती रही हैं परंतु पिछले कुछ वर्षों में भारतीय खेल जगत ने एक ऐतिहासिक सफर तय किया है जिसने खेलों के प्रति भारत का नजरिया तथा भारतीय खिलाड़ियों के प्रति दुनिया का नजरिया बदल दिया है। 2014 के बाद से भारत में केंद्र सरकार की तरफ से खेलों को लेकर एक सकारात्मक नजरिया देखने को मिल रहा हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत सरकार लगातार पिछले 10 वर्षो से खेल के क्षेत्र में उन्नति के प्रयास कर रही हैं। इस दौरान भारत ने अंतरराष्ट्रीय स्तर के तमाम खेल आयोजनों में ऐतिहासिक प्रदर्शन किया। भारतीय खेल जगत की इस ऐतिहासिक यात्रा पर नजर डाली जाए तो एक बात साफतौर पर देखी जा सकती है कि बीते दस वर्षों में भारत सरकार ने रिफॉर्म किया, भारतीय खिलाड़ियों ने परफॉर्म किया और भारतीय खेल का पूरा सिस्टम ट्रांसफॉर्म हो गया। प्रत्येक वर्ष 29 अगस्त को मनाया जाने वाला राष्ट्रीय खेल दिवस भारतीय हॉकी में मेजर ध्यानचंद की विरासत के सम्मान और शारीरिक गतिविधियों तथा खेल के महत्व को दर्शाता है।
युवा कार्यक्रम और खेल मंत्री डॉक्टर मनसुख मांडविया ने राष्ट्रीय खेल दिवस के अवसर पर सभी नागरिकों को कम से कम एक घंटा खेल को समर्पित करने का आह्वान किया है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का सपना भारत को एक फिट राष्ट्र बनाने का है। प्रधानमंत्री मोदी का नारा है- खेलेगा इंडिया तो खिलेगा इंडिया। मांड़विया ने सभी नागरिकों को आज राष्ट्रव्यापी उत्सव में भागीदारी करने का आग्रह किया।
राष्ट्रीय खेल दिवस के अवसर पर केन्द्रीय खेल मंत्री मनसुख मांडविया ने आज सुबह मेजर ध्यानचंद नेशनल स्टेडियम में मेजर ध्यानचंद की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की।
केन्द्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नीतिन गड़करी ने मेजर ध्यानचंद की जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने राष्ट्रीय खेल दिवस के अवसर पर सभी देशवासियों को शुभकामनाएं भी दी।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत सरकार ने बीते दस वर्षों में खेल जगत के लिए अनेक ऐतिहासिक कदम उठाए जिनमें से एक महत्वपूर्ण कार्य भारत में खेलों के लिए बजट में वृद्धि करना है। वर्ष 2014-15 में जहां खेल के लिए 772 करोड़ रूपये का बजट था वहीं 2024-25 में लगभग 2360 करोड़ रूपये हो गया है। 2019-20 से 2024-25 तक भारत में खेलों को प्रोत्साहन देने की दृष्टि से 11954 करोड़ रूपये से भी अधिक की राशि आवंटित की गई जिसमें से 30 जून 2024 तक 9623 करोड़ रूपये से भी अधिक की धनराशि खर्च की जा चुकी है। वर्ष 2019-20 में खेलो इंडिया के लिए 575.52 करोड़ रूपये, 2020-21 में 338.06 करोड़ रूपये, 2021-22 में 764.29 करोड़ रूपये, 2022-23 में 596.39 करोड़ रूपये एवं 2023-24 में 872.20 करोड़ रूपये आवंटित किए गए। सरकार ने बजट 2024-25 में खेलो इंडिया के लिए 900 करोड़ रूपये के आवंटन का प्रस्ताव रखा है।
भारत सरकार के खेल मंत्रालय ने 5 अगस्त 2024 तक देशभर में विभिन्न श्रेणियों में 343 खेल बुनियादी ढांचा परियोजनाओं को स्वीकृत किया है जो देश में खेलों के विकास में महत्वपूर्ण सरकारी कदम है। भारत सरकार के खेल मंत्रालय के अंतर्गत आने वाला स्वायत्त निकाय भारतीय खेल प्राधिकरण देशभर में 187 खेल प्रशिक्षण सुविधाएं संचालित करता है जिसमें 24 राष्ट्रीय उत्कृष्टता केंद्र, 69 साई प्रशिक्षण केंद्र, 26 विस्तार केंद्र और 68 अन्य केंद्र शामिल हैं। ये सुविधाएँ देश भर के एथलीटों को अत्याधुनिक प्रशिक्षण प्रदान करती हैं। इसके अतिरिक्त, खेलो इंडिया योजना के तहत, मंत्रालय ने देश भर में 1059 खेलो इंडिया केंद्र, 32 खेलो इंडिया राज्य उत्कृष्टता केंद्र और 302 मान्यता प्राप्त अकादमियाँ अधिसूचित की हैं।
0 comments:
Post a Comment