इंदौर के करीब 38 गांवों से होकर निकलेगा पूर्वी रिंग रोड
सिंहस्थ से पहले उज्जैन से जुड़ने वाली सड़कों का निर्माण पूरा होना है, जिसमें आउटर पूर्वी रिंग रोड अहम है। डकाच्या से लेकर पीथमपुर के बीच बनने वाली इस सड़क को लेकर जल्द ही प्रक्रिया शुरू की जाएगी। 38 गांवों से होकर सड़क निकलेगी, मगर अभी जमीन चिह्नित होना बाकी है।
निजी के बजाय सरकारी जमीन से मार्ग को निकालने में प्राथमिकता रखी गई है। अगले महीने से मार्ग के लिए सर्वे शुरू होगा। फिलहाल प्रदेश सरकार ने एमपीआरडीसी को यह जिम्मेदारी सौंपी है। सड़क निर्माण के संबंध में अभी फैसला होना बाकी है। अधिकारियों के मुताबिक, दो अलग-अलग हिस्सों में सड़क बनेगी।
77 किमी लंबी होगी पूर्वी रिंग रोड
77 किमी लंबी पूर्वी रिंग रोड डकाच्या से लेकर पीथमपुर के बीच बनेगा। जून में सड़क निर्माण के संबंध में प्रजेंटेशन हो चुका है, जिसमें जल संसाधन मंत्री तुलसी सिलावट ने अधिकारियों को सड़क के लिए सरकारी जमीन से मार्ग निकालने पर जोर दिया है।
कंपेल, खुड़ैल, तिल्लौर, बड़गोंदा गांव इससे जुड़ेंगे
इसके बाद सरकारी विभाग की जमीन से जुड़ी जानकारी जुटाई जा रही है, जिसमें राजस्व और वनभूमि से सड़क को निकाला जाएगी। कंपेल, खुड़ैल, तिल्लौर, बड़गोंदा, पीथमपुर सहित 38 गांवों से पूर्वी रिंग रोड जुड़ेगा। अधिकारियों के मुताबिक 38 और 39 किमी हिस्से में सड़क बनेगी। पूर्वी रिंग रोड को लेकर खसरा तय हो चुका है। अभी इन स्थानों से कितनी भूमि की आवश्यकता है यह सुनिश्चित होना बाकी है।
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