26 अगस्त को एक साथ मनेगी स्मार्त व वैष्णव मत की श्रीकृष्ण जन्माष्टमी
उज्जैन। इस बार शैव व वैष्णव परंपरा के भक्त 26 अगस्त को एक साथ भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव मनाएंगे। वर्षों बाद यह स्थिति बनी है, जब स्मार्त व वैष्णव मत की जन्माष्टमी एक ही दिन मनाई जाएगी। ज्योतिषियों के अनुसार इस बार जन्माष्टमी के दिन उदयकाल से मध्यरात्रि तक अष्टमी तिथि रहेगी, वहीं श्रीकृष्ण जन्म के समय रात 12 बजे रोहिणी नक्षत्र भी मौजूद रहेगा।
ऐसे में तिथि मतांतर की स्थिति नहीं रहेगी और उदयकाल व जन्म के समय अष्टमी तिथि की मान्यता वाले दोनों पक्ष एक ही दिन जन्माष्टमी मना पाएंगे। जिन संप्रदाय में रोहिणी नक्षत्र की साक्षी में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी मनाने की परंपरा है, वे भी 26 अगस्त को ही कृष्ण जन्मोत्सव मनाएंगे।
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