....

प्रधानमंत्री जनधन योजना के 10 साल पूरे

 प्रधानमंत्री जनधन योजना के 10 साल पूरे

प्रधानमंत्री जनधन योजना के आज 10 साल पूरे हो गए हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जनधन योजना की 10वीं वर्षगांठ पर खुशी जाहिर की। पीएम मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर एक पोस्ट शेयर करते हुए लाभार्थियों को बधाई दी है। बता दें कि 28 अगस्त, 2014 को जन-धन योजना की शुरुआत हुई थी। इस दौरान 53 करोड़ से अधिक बैंक खाते खोले गए हैं, जिसमें 55.6 प्रतिशत खाते महिलाओं के हैं। चालू वित्त वर्ष में 3 करोड़ से अधिक जन धन खाते खोलने का लक्ष्य रखा गया है।



‘महिलाओं और युवाओं को सम्मान देने में सर्वोपरि’

पीएम मोदी ने पोस्ट शेयर करते हुए लिखा, आज हम एक महत्वपूर्ण अवसर मना रहे हैं। जनधन योजना के 10 साल पूरे हुए। सभी लाभार्थियों को बधाई और इस योजना को सफल बनाने के लिए काम करने वाले सभी लोगों को बधाई। जन धन योजना वित्तीय समावेशन को बढ़ावा देने और करोड़ों लोगों, विशेषकर महिलाओं, युवाओं और हाशिए पर पड़े समुदायों को सम्मान देने में सर्वोपरि रही है।

’53 करोड़ खातों में जमा है 2.31 लाख करोड़ रुपये’

इससे पहले केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को प्रधानमंत्री जनधन योजना के बारे में जानकारी दी थी। उन्होंने बताया था कि पिछले 10 वर्षों में गरीबों के लिए 53.13 करोड़ जन धन खाते खोले गए हैं। इनमें 2.3 लाख करोड़ रुपये जमा हैं। सीतारमण ने कहा, हमारा लक्ष्य चालू वित्त वर्ष के दौरान तीन करोड़ से अधिक पीएमजेडीवाई खाते खोलना है।

29.56 करोड़ महिला खाताधारक

वित्त मंत्री ने कहा कि पीएमजेडीवाई दुनिया की सबसे बड़ी वित्तीय समावेशन पहलों में से एक है। मार्च 2015 में प्रति खाते में औसत बैंक बैलेंस 1,065 रुपये था, जो अब बढ़कर 4,352 रुपये हो गया है। करीब 80 फीसदी खाते सक्रिय हैं। ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों में 66.6 फीसदी जनधन खाते खोले गए हैं, इनमें से 29.56 करोड़ (55.6 फीसद) महिला खाताधारकों के हैं।

गरीब, वंचित तबके को बैंकिंग सिस्टम से जोड़े

केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी योजनाओं में से एक प्रधानमंत्री जनधन योजना (पीएमजेडीवाई) के 10 साल पूरे हो गए हैं। सरकार ने 28 अगस्त 2014 को इस योजना की शुरुआत की थी। जनधन योजना के जरिए सरकार देश के गरीब, वंचित तबके को बैंकिंग सिस्टम से जोड़ने में कामयाब रही है। इसके साथ साथ ही डायरेक्ट बैंक ट्रांसफर यानी डीबीटी के माध्यम से सोशल सिक्योरिटी स्कीम्स का भी फायदा सीधे लाभर्थियों तक इसके जरिए पहुंचाया जा रहा है।

Share on Google Plus

click vishvas shukla

    Blogger Comment
    Facebook Comment

0 comments:

Post a Comment